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अब खेत में ठीक होंगे कृषि यंत्र, हर पंचायत में तैनात होगा एक कृषि यंत्र मिस्री, इस तरह ले सुविधा का लाभ...

कृषि विभाग ने कृषि रोड मैप 2023-28 के तहत कृषि यंत्रों की मरम्मत ऑन स्पॉट करने की योजना बनाई है, जिसके तहत किसान के खेत में जाकर मिस्री कृषि यंत्र की मरम्मत करेगा. जानें क्या है पूरी योजना...

दिव्यांशु कुमार राव

खेती के दौरान कृषि यंत्रों के खराब होने पर किसानों को बड़ी दुकानों या कृषि मुख्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं. जिसके लिए कृषि विभाग ने कृषि रोड मैप 2023-28 के तहत कृषि यंत्रों की मरम्मत ऑन स्पॉट करने या किसानों के नजदीक क्षेत्र में यंत्रों की मरम्मत करने को लेकर योजना बनाई. जिसके लिए कृषि विभाग आगामी साल 2023 में भोजपुर, मुजफ्फरपुर और पूर्णिया के वर्कशॉप में प्रशिक्षण आयोजित कराएगा. इस प्रशिक्षण में कृषि विभाग का लक्ष्य है कि तीन साल के अंदर सभी पंचायतों के लिए एक-एक मिस्री तैयार कर लिए जाएं.

कृषि विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2023 में प्रशिक्षण पर 2.76 करोड़ का प्रावधान किया गया है. योजना के तहत कृषि यंत्र मरम्मत के लिए राज्य भर में 8400 प्रशिक्षित मिस्री (तकनीशियन) तैयार किए जाएंगे. यानी प्रत्येक पंचायत में कम से कम एक-एक मिस्री रहेंगे.

कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने बताया कि अगले साल से भोजपुर, मुजफ्फरपुर और पूर्णिया के फिर से कृषि यंत्र की मरम्मत का प्रशिक्षण शुरू होगा. उन्होंने बताया कृषि विभाग का लक्ष्य है कि तीन साल के भीतर सभी पंचायतों के लिए एक-एक मिस्री तैयार कर लिए जाएं. इससे किसानों को सस्ती दर पर कृषि यंत्र मरम्मत की सुविधाएं मिल सकेंगी, साथ ही प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार भी मिलेगा.

कृषि विभाग पंचायत स्तर पर जिन युवाओं की कृषि यंत्रों को रिपेयर करने में रूची हैं, उन्हें प्रशिक्षण देकर रोजगार दिलाएगी. साइकिल पंक्चर बनाने वाले भी प्रशिक्षण योग्य माने जा सकते हैं. कृषि विभाग ने कृषि यंत्र मरम्मत मिस्री से संपर्क करने के लिए एक मोबाइल ऐप भी तैयार कर रहा है जिसके माध्यम से किसान आसानी से मिस्री से संपर्क कर पाएंगे. 

कृषि विभाग के मुताबिक कृषि यंत्र निर्माताओं ने भी प्रशिक्षित मिस्री को अपना प्रतिनिधि बनाने की सहमति दी है. कृषि विभाग के आधिकारियों ने हाल ही बताया था कि कृषि यंत्र निर्माता प्रशिक्षित मिस्री को मानदेय देकर अपना प्रतिनिधि बनाएंगे, साथ ही मिस्री को अलग से अपने मशीनों का विशेष प्रशिक्षण देकर तैयार करेंगे.

बता दें कि कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर, कटिहार, मधेपुरा, मुंगेर और बांका, डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय समस्तीपुर, वैशाली, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और बेगूसराय के विभिन्न पंचायतों के युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बिहार में कुल  875 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. 26 दिनों के इस आवासीय प्रशिक्षण में युवा मिस्री को कृषि यंत्रों के बारे में जानकारी दी गई और इसमें आने वाली समस्या को ठीक करने की तकनीक बताई गई है.

English Summary: Agricultural Machinery Repairmen Farmers in Bihar Published on: 26 December 2022, 05:13 PM IST

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