युवाओं में कृषि के प्रति घटते आकर्षण को ध्यान में रखकर महाराष्ट्र सरकार ने कृषि शिक्षा को स्कूल स्तर पर ले जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए एक नई पहल की. विद्यार्थियों को कृषि से जुड़ी सभी प्रकार की शिक्षा प्रदान की जाएगी , दरअसल,महाराष्ट्र सरकार ने अब स्कूलों में कृषि शिक्षा देने का फैसला लिया है., जिससे विद्यार्थियों में कृषि क्षेत्र के प्रति रूचि बढ़ेगी साथ ही वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के नए तरीके भी समझ आएंगे.
कृषि मंत्री का क्या है कहना (what The Agriculture Minister Has To Say)
महाराष्ट्र के कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया है. अब से स्कूल के सिलेबस में कृषि विषय को शामिल किया जायेगा जिससे कृषि शिक्षा को लेकर विद्यार्थियों में रुचि जाग्रत हो. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में नए और गुणवत्तापूर्ण कृषि शोधकर्ता तैयार हो सकेंगे. विद्यार्थियों को उनकी उम्र के आधार पर कृषि क्षेत्र से जुड़ा सिलेबस पढ़ाए जाने से उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण का निर्माण होगा साथ ही नई पीढ़ी कृषि व्यवसाय को अच्छे से कर सकेगी एवं फसलों का उत्पादन बढ़ेगा.
सरकार का उद्देश्य (Government's Objective)
सरकार का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा में कृषि शिक्षा को बढ़ाने का है. बता दें फ़िलहाल राष्ट्रीय शिक्षा में कृषि शिक्षा की हिस्सेदारी 0.93 प्रतिशत है, जिसे बढ़ाकर अब 3 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है . राज्य शैक्षणिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद एवं महाराष्ट्र कृषि शिक्षा और अनुसंधान परिषद की ओर से संयुक्त रूप से कृषि विषय का पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा. जिसमें स्कूली विद्यार्थियों को कृषि विषय से सम्बंधित शिक्षा दी जाएगी. यह फैसला महाराष्ट्र के कृषि मंत्रालय के कार्यालय में प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री एवं राज्य के कृषि मंत्री दादाजी भुसे की मौजूदगी में लिया गया है.
युवाओं को होगा लाभ (Youth Will Benefit)
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इससे देश के युवाओं को कृषि से संबंधित जानकरियां मिल सकेगी.
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नए व्यवसाय ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित होंगे.
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आधुनिक शोध को प्रोत्साहन मिलेगा.
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खेती में मशीनों का उपयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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फसल की उत्पादकता में वृध्दि होगी
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