Agricultural Drone Update: बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने पटना के बामेती सभागार में ड्रोन दीदी योजना के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया. इस कार्यशाला में राज्य के 16 जिलों से आई 201 महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने भाग लिया. यह योजना महिलाओं को तकनीकी और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इस कार्यशाला में कृषि मंत्री मंगल पांडेय के साथ कई उच्च अधिकारी और वैज्ञानिक भी मौजूद थे. संजय कुमार अग्रवाल (सचिव, कृषि विभाग), नितिन कुमार सिंह (कृषि निदेशक) , धनंजय पति त्रिपाठी (अपर निदेशक), प्रमोद कुमार, संयुक्त निदेशक (पौध संरक्षण) शामिल थे.
इस कार्यशाला में कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने जानकारी दी कि राज्य के 101 अनुमंडलों में किसानों के लिए अनुदानित दर पर कृषि ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके अलावा, पौध संरक्षण संभाग द्वारा "पोपुलराइजेशन ऑफ एरियल स्प्रे ऑफ पेस्टीसाइड एंड लिक्विड फर्टिलाइजर बाय ड्रोन" योजना के तहत ड्रोन का उपयोग बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है.
ड्रोन दीदी योजना का उद्देश्य
कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने अपने संबोधन में बताया कि यदि हमें तेज गति से आगे बढ़ना है, तो हमें नई तकनीक को समझकर अपनाना होगा. इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आधुनिक तकनीक से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. योजना के तहत कृषि ड्रोन और उससे जुड़ी किट के लिए 80 प्रतिशत अनुदान यानी 8 लाख रुपये दिए जाएंगे. बाकी 2 लाख रुपये महिलाओं को जीविका समूहों के माध्यम से प्रदान किए जाएंगे. ड्रोन दीदी योजना/Drone Didi Yojana न केवल महिलाओं को तकनीकी क्षेत्र में प्रशिक्षित कर रही है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी दे रही है. इस योजना से महिलाएं आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाकर बेहतर भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकती हैं. यह पहल महिलाओं और किसानों के जीवन को नई दिशा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है.
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
ड्रोन दीदी योजना का नाम इसलिए रखा गया है ताकि महिलाओं को सीधे तकनीकी नवाचारों से जोड़ा जा सके. यह योजना महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है और उन्हें खेती में ड्रोन जैसी अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने के लिए सक्षम बनाती है. योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में पूरे देश में 14,500 महिला समूहों को इस योजना से जोड़ा जाएगा. इससे न केवल महिलाओं का आर्थिक विकास होगा बल्कि एक मजबूत भारत और बिहार का निर्माण भी होगा.
कृषि में ड्रोन का महत्व
कृषि में पारंपरिक उपकरणों की जगह अब आधुनिक तकनीक ले रही है. ड्रोन के उपयोग से:
- कीटनाशक और उर्वरकों की खपत कम होती है.
- समय और श्रम की बचत होती है.
- किसानों की उत्पादकता और आय में वृद्धि होती है.
ड्रोन की मदद से किसान बड़ी मात्रा में खेतों पर कीटनाशकों का छिड़काव तेजी से कर सकते हैं.
बिहार में ड्रोन वितरण का लक्ष्य
भारत सरकार ने बिहार के लिए 201 ड्रोन वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके तहत पटना में महिलाओं को 15 दिन का निःशुल्क ड्रोन पायलट प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण के बाद महिलाएं ड्रोन के संचालन और उपयोग में निपुण हो सकेंगी.
योजना का लाभ किसे मिलेगा?
ड्रोन दीदी योजना के तहत निम्नलिखित लोग आवेदन कर सकते हैं:
- किसान
- कृषि यंत्र बैंक
- स्वयं सहायता समूह
- किसान उत्पाद संगठन (FPO)
- स्वयंसेवी संस्थाएं
- निजी संस्थाएं और पंजीकृत कंपनियां
ड्रोन खरीदने के लिए यह अनिवार्य है कि वह ड्रोन DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) द्वारा कृषि उपयोग के लिए पंजीकृत हो.
अनुदान और वित्तीय सहायता
योजना के तहत किसानों को ड्रोन खरीदने पर 60 प्रतिशत अनुदान या अधिकतम 3.65 लाख रुपये का वित्तीय सहयोग दिया जाएगा.
आवेदन और चयन प्रक्रिया
ड्रोन दीदी योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति या समूह ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए सरकार ने कृषि यांत्रिकरण योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है. योजना के तहत लाभुकों का चयन लॉटरी प्रणाली के माध्यम से होगा.
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