
देश के किसानों को कृषि उपज के लिए सही दाम दिलाने और व्यापार में पारदर्शिता लाने के लिए शुरू की गई केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना e-NAM (इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) में एक बड़ा बदलाव किया गया है. अब इस स्कीम के तहत सरकारी सब्सिडी और अन्य लाभों का फायदा उठाने के लिए आधार देना अनिवार्य कर दिया गया है.
सरकार का मानना है कि आधार को अनिवार्य करने से इस योजना में पारदर्शिता आएगी और लाभ सीधे असली किसानों के खाते में पहुंच पाएगा.
क्या है e-NAM?
e-NAM एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जिसे कृषि उत्पादों के व्यापार को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए लॉन्च किया गया था. इसका उद्देश्य किसानों को देशभर की APMC मंडियों से जोड़ना और उन्हें अपनी फसल सीधे खरीदार को बेचने का अवसर देना है. इसके जरिये किसान मध्यस्थों (बिचौलियों) से छुटकारा पाकर अपनी उपज का उचित मूल्य पा सकते हैं.
आधार क्यों हुआ अनिवार्य?
पहले इस योजना के तहत आधार देना जरूरी नहीं था, लेकिन अब नियम बदल दिए गए हैं. अगर कोई किसान इस प्लेटफॉर्म से जुड़ना चाहता है या पहले से जुड़ा है, तो उसे अपने आधार की जानकारी अपडेट करनी होगी. सरकार का तर्क है कि इससे फर्जीवाड़ा कम होगा और जो सब्सिडी या लाभ असली किसान के लिए है, वह सही व्यक्ति तक पहुंचेगा.
किसानों को होंगे ये बड़े फायदे
- उपज का उचित मूल्य और समय पर भुगतान
- फसल बेचने के लिए देशभर की मंडियों तक सीधी पहुंच
- ऑनलाइन लेनदेन की सुविधा
- व्यापार में पारदर्शिता और धोखाधड़ी की आशंका में कमी
- सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे बैंक खाते में
आधार न जोड़ने से हो सकती है परेशानी
हालांकि इस नियम से कुछ किसानों को परेशानी भी हो सकती है. जिन किसानों के पास आधार नहीं है या वे इसे ई-नाम से लिंक नहीं कर पा रहे हैं, वे सरकारी सुविधाओं से वंचित रह सकते हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि इससे योजना का उद्देश्य प्रभावित हो सकता है, क्योंकि सभी किसान डिजिटल प्रक्रिया से सहज नहीं हैं.
सरकार का जोर: डिजिटल कृषि की ओर
सरकार का फोकस खेती-किसानी को डिजिटल बनाने पर है. e-NAM को डिजिटल एग्रीकल्चर की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. खरीदार और विक्रेता दोनों को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाने से व्यापार तेज, पारदर्शी और सुविधाजनक बनता है.
230 से ज्यादा उत्पाद शामिल
इस समय e-NAM प्लेटफॉर्म पर 230 से ज्यादा कृषि उपजों का व्यापार हो रहा है. हाल ही में सरकार ने कुछ और उत्पाद इसमें शामिल किए हैं, जैसे –
- सूखी तुलसी की पत्तियां
- बेसन
- गेहूं का आटा
- चना सत्तू
- सिंघाड़े का आटा
- हींग
- सूखी मेथी
- बेबी कॉर्न
- ड्रैगन फ्रूट
सरकार समय-समय पर नए उत्पाद जोड़ रही है ताकि देशभर के किसानों को अधिक विकल्प और बेहतर बाजार मिल सके.
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