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विश्व साइकिल दिवस पर एटलस साइकिल कंपनी के साथ एक दर्दभरा मजाक

साइकिल वह दो पहियों की बिना मशीन और पर्यावरण को बिना कोई नुकसान पहुंचाए और सेहत का भी ध्यान रखती है. गाँव हो या शहर साइकिल सभी जगह बखूबी दौड़ती नजर आती है. तीन जून को विश्व बाइसिकल दिवस के रूप में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिवस को पर्यावरण की सुरक्षा में अचूक मानते हुए बाइसिकल को मान्यता प्रदान किया था.

चन्दर मोहन

साइकिल वह दो पहियों की बिना मशीन और पर्यावरण को बिना कोई नुकसान पहुंचाए और सेहत का भी ध्यान रखती है. गाँव हो या शहर साइकिल सभी जगह बखूबी दौड़ती नजर आती है. तीन जून को विश्व बाइसिकल दिवस के रूप में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिवस को पर्यावरण की सुरक्षा में अचूक मानते हुए बाइसिकल को मान्यता प्रदान किया था.

संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 3 जून को दुनिया भर में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए साधन के रूप में साइकिल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए World Bicycle Day यानि विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाए जाने का उद्देश्य बच्चों और युवाओं के लिए बुनियादी शिक्षा को मजबूत बनाना, बीमारी की रोकथाम करना, स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, सहनशीलता, आपसी समझ और सम्मान को बढ़ावा देने और सामाजिक समावेश और शांति की संस्कृति को सुविधाजनक बनाना है.

हर साल विश्व साइकिल दिवस विकास रणनीतियों के मुद्दों को पार पाने, साइकिल पर विशेष ध्यान देने और सड़क सुरक्षा में सुधार करने के साथ-साथ इसे स्थायी गतिशीलता और परिवहन बुनियादी ढांचे की योजना और डिजाइन में एकीकृत करने के लिए सदस्य राष्ट्रों को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जा रहा है. इसके अलावा इसका उद्देश्य समुदाय के सभी वर्गों के बीच साइकिल को बढ़ावा देना भी है।

देश की मशहूर साइकिल कंपनी ‘एटलस’ ने आर्थिक तंगी के चलते कारखाना चलाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। कंपनी का कहना है कि उनके पास अब कोई पैसा नहीं बचा है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए ले-ऑफ की सूचना दे दी है। विश्व साइकिल दिवस-2020 के दिन ही साइकिल बनाने वाली भारतीय कंपनी एटलस साइकिल्स (हरियाणा) लिमिटेड आर्थिक संकट के चलते बंद हो गई। 

एटलस ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित कारखाना चलाने से इनकार कर दिया है। कंपनी की ओर से यहां के वर्कर्स को एक नोटिस दिया गया है। इस नोटिस में कारखाने के प्रबंधक ने कहा है कि मालिकों के पास कारखाना चलाने के लिए रकम नहीं है, इसलिए वर्कर्स ले ऑफ लें। नोटिस में कहा गया है कि कंपनी पिछले कई वर्षों से भारी आर्थिक संकट से गुजर रही है। कंपनी ने सभी उपलब्ध कोष खर्च कर दिए हैं। अब स्थिति यह है कि कंपनी के पास कोई भी आय के श्रोत नहीं बचे हैं। यहां तक कि दैनिक खर्चों के लिए भी धन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

कंपनी के नोटिस से नाराज कर्मचारियों ने कंपनी के गेट पर ही प्रदर्शन कर विरोध जताया। सूचना पर पहुंची लिंक रोड पुलिस ने कर्मचारी एकत्रित होने पर हल्का बल प्रयोग कर सभी को हटाया। कारखाना बंद होने से लगभग 450 कर्मचारी सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। वहीं अस्थाई तौर पर प्रभावितों की संख्या 700 है।

ये खबर भी पढ़े: 5 जून को लगेगा चंद्र ग्रहण, भारत में कब और किस समय दिखेगा?

English Summary: A painful joke with Atlas Cycle Company on World Cycle Day Published on: 05 June 2020, 12:57 PM IST

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