यूं तो खबरों की इस दुनिया में कभी आंखों को नम कर देनी वाली, तो कभी दिल दहला देने वाली, तो कभी दिल पसीज देने वाली खबरों की आवाजाही जारी रहती है और वैसे भी कोरोना काल ऐसी खबरों का आना तो अब बंद ही हो चुका है, जिससे पढ़कर आपके हदय में आशा का संचार हो, लेकिन भले ही बहुत दिनों के बाद ही सही, मगर एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे पढ़कर आपको इस निराशा के दौर में एक नई आशा मिलेगी.
आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि ऐसे आलम में जब हर दिन हमें दम तोड़ते मरीजों की चित्कार सुनाई दे रही है, तो हमारे और आपके बीच में एक ऐसी भी शेरनी हैं. जिसने 100 साल की उम्र में कोरोना जैसी घातक और जानलेवा बीमारी को महज चार दिन में पटखनी देकर अपने घर रवाना हो गई. इस शेरनी का नाम नारायणी देवी है. मानो उस समय दुखों का पहाड़ परिवार के दिल पर टूट पड़ा था, जब यह मालूम पड़ा कि नारायणी देवी कोरोना के चपेट में आ चुकीं हैं, तो परिवार के सभी लोग मायूस हो गएं. भला ऐसे दौर में अब उनकी मायूसी भी लाजिमी है, लेकिन परिजनों ने एहतियातन बरतते हुए फौरन नारायणी देवी को अस्पताल में भर्ती करवाया और समुचित उपचार उपलब्ध होने के बाद नारायणी देवी ने न महज चार दिनों के दरम्यान ही कोरोना जैसी घातक बीमारी को शिकस्त दे डाली, बल्कि अपने सेहत का राज भी बताया.
आखिर कैसे हुआ ये कमाल
ऐसे आलम में जब हर दिन दो बूंद सांस के अभाव में हर मरीज काल के गाल में समा रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में नारायणी देवी के लिए भी भला कोरोना से जंग में फतह पाना कोई आसान काम नहीं था. वो भी ऐसे में जब वे 100 वर्ष की उम्र को पार कर चुकी हैं. उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो चुकी है. यकीन मानिए, लोग इस बात को जानकर हैरान हो रहे है कि कोरोना का जुल्म युवा नहीं झेल पा रहे है, तो ऐसे में 100 साल की नारायणी देवी ने भला यह कमाल कैसे कर दिखाया, तो इस पर उन्होंने कहा कि यह कमाल उन्होंने अपनी प्रतिरोधक क्षमता के बलबूते कर दिखाया है.
उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमाल की है. कोरोना को मात देने के बाद घर लौट रही नारायणी देवी ने बताया कि उन्होंने ताउम्र कभी बाहर का खाना नहीं खाया है. हमेशा व्यायाम और योग किया.
हमेशा से अपने डाइट में ऐसे पदार्थों को शामिल किया, जो उन्हें बीमारियों से दूर रखें. इसी का नतीजा है कि जब वह कोरोना का शिकार हुईं, तो बेहद ही आसानी से इसे मात देकर अपनी नई जिंदगी में दस्तक दे गईं.
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