इंडियन शुगरमिल एसोसिएशन (ISMA) की 84वीं वर्षगांठ पर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आम बैठक (Genral Meeting) को सम्बोधित करते हुए कहा कि पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रण 4 फीसदी तक पहुँच गया है. इसके वर्ष 2018 -2019 तक 8 फीसदी पर पहुँचने की सभांवना है. जो देश की ऊर्जा सुरक्षा में सहायता करेगी. इथेनॉल मिश्रण 4 साल पहले 1.5 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 4 प्रतिशत हो गया है. इस साल यह 8 प्रतिशत तक पहुँच जाएगा.
पेट्रोलियम मंत्री ने आगे कहा, तेल विपणन कंपनियां 2022 तक 20 प्रतिशत मिश्रण प्राप्त कराने का लक्ष्य रख रही है. पहले इथेनॉल खरीदना एक महंगा विकल्प था लेकिन सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने और ऊर्जा की मांग की मांग की पूर्ति करने के लिए इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दिया. घरेलू ऊर्जा की भी मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने कच्चा तेल खरीदने के लिए 8-10 लाख करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा व्यय की है.
अध्यक्ष गौरव गोयल ने कहा
इस्मा के अध्यक्ष गौरव गोयल ने कहा कि वर्ष 2018 -19 में इथेनॉल मिश्रण का स्तर 8 प्रतिशत तक पहुँच जाएगा जिसके 2022 तक 20 प्रतिशत होने का अनुमान है. इस साल जून में ओएमसी ने इथेनॉल की खरीद के लिए एक तंत्र को मंजूरी दी है. गुड़ से निकाली गई इथेनॉल के लिए पूर्व मिल मूल्य को बढ़ाकर 43.70 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. चीनी उत्पादन के बारे में बोलते हुए गोयल ने कहा कि देश में 2017-18 के दौरान 10.7 मिलियन टन चीनी का उत्पादन किया था. इस साल इसके 31. 5 मिलियन टन होने की उम्मीद है.
आईएसएमए (ISMA)
भारत का सबसे पुराने औद्योगिक एसोसिएशन इस्मा की स्थापना वर्ष 1932 में हुई थी. वर्तमान समय में भारत में उत्पादित होने वाली कुल चीनी में 50 फीसदी हिस्सेदारी इस्मा की है. इस्मा, भारत के कुल चीनी उत्पादन का दूसरा बड़ा उत्पादक है.
मनीशा शर्मा, कृषि जागरण
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