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कृषि क्षेत्र में क्रांति लाएगी देश की 'नई निर्यात नीति'

प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को एक नई कृषि निर्यात नीति को मंजूरी दी है. इसका लक्ष्य बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और विभिन्न वस्तुओं पर मौजूदा निर्यात प्रतिबंधों को हटाकर देश के कृषि निर्यात को 2022 तक दोगुना करना है.

प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को एक नई कृषि निर्यात नीति को मंजूरी दी है. इसका लक्ष्य बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और विभिन्न वस्तुओं पर मौजूदा निर्यात प्रतिबंधों को हटाकर देश के कृषि निर्यात को 2022 तक दोगुना करना है. इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने कृषि निर्यात नीति के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए विभिन्न लाइन मंत्रालयों/विभागों और एजेंसियों से संबंधित राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों की नुमाइंदगी के साथ नोडल विभाग के रूप में वाणिज्य मंत्रालय के साथ केंद्र में निगरानी ढांचे की स्थापना के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है. मंत्रालय के मुताबिक, पॉलिसी के कार्यान्वयन के लिए कुल 1,400 करोड़ रुपये का खर्च होंगे, जो पहले से ही विभिन्न योजनाओं के तहत मौजूद है. इसके अलावा, केंद्र राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगा ताकि इस नीति का बेहतर इस्तेमाल हो सके.

'ड्रिप कैपिटल' के सह-संस्थापक और सह-सीईओ श्री पुष्कर मुकेश ने कहा है कि, "कृषि में भारत के कुल व्यापार निर्यात का 10% शामिल है. अकेले 2017 में भारत ने 31 अरब अमेरिकी डॉलर के कृषि उत्पादों का निर्यात किया. जो वैश्विक कृषि व्यापार का 2 % है. ऐसे में यह नई कृषि निर्यात नीति,  बुनियादी ढांचे, मानकीकरण, विनियमन और अनुसंधान एवं विकास समेत भारत के कृषि निर्यात के सभी पहलुओं में आमूल चूल परिवर्तन लाने में मदद करेगी. भारत का 50 जिलेवार निर्यात-केंद्रित 'क्लस्टर' विकसित करने का निर्णय,  प्रत्येक क्लस्टर के लिए स्वदेशी कृषि उपज से जैविक उत्पादों के निर्यात के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करेगा. 'ड्रिप कैपिटल' अपना अनुभव टियर -2 और टियर -3 शहरों में समूहों के निर्यातकों के साथ साझा कर रहा है. जो संगोष्ठियों के माध्यम से वित्त पोषण का समाधान प्रदान करता है.

कृषि निर्यात नीति

-एक स्थिर व्यापार नीति व्यवस्था के साथ 2022 तक 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 60+ बिलियन अमेरिकी डॉलर कृषि निर्यात करना हैं. उसके बाद कृषि निर्यात को अगले कुछ वर्षों में 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने की दिशा में काम करना.

-स्वदेशी, जैविक, जातीय, पारंपरिक और गैर परंपरागत कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए.

-बाजार पहुंच को आगे बढ़ाने, बाधाओं से निपटने और सैनिटरी और फाइटो-सेनेटरी मुद्दों से निपटने के लिए संस्थागत तंत्र प्रदान करना.

-वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकृत करके विश्व कृषि निर्यात में भारत के हिस्से को दोगुना करने का प्रयास.

-विदेशी बाजार में निर्यात के अवसरों का लाभ उठाने के लिए किसानों को सक्षम करना.

विवेक राय, कृषि जागरण

English Summary: 'New Export Policy' will bring revolution in agriculture sector Published on: 08 December 2018, 06:41 PM IST

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