भारत में औषधि का उपयोग बहुत पुराने समय से होता आ रहा है, क्योंकि औषधि में वो ताकत होती है, जो बीमारियों को जड़ से खतम कर देती है. इस वजह से औषधीय पौधों की खेती (Cultivation Of Medicinal Plants ) करना किसानों के लिए काफी लाभदायक माना जाता है. औषधि पौधों में मेंथा (Mentha) बहुत ख़ास माना जाता है.
इसका दवा से लेकर ब्यूटी प्रोडक्ट और खाने-पीने की चीजों में इस्तेमाल किया जाता है, जिस वजह से इसकी खेती किसानों के लिए बहुत लाभकारी होती है.
ऐसे में मेंथा की खेती (Mentha cultivation) करने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर है. बता दें कि बिहार के भागलपुर खगड़िया जिले में मेंथा की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने किसानों को अनुदान राशि देने की पहल की है. जिससे अब राज्य में मेंथा की खेती का रकबा बढ़ेगा और किसानों को दोगुना लाभ प्राप्त होगा.
कितना अनुदान दिया जायेगा (How Much Grant Will Be Given?)
मेंथा की खेती के लिए राज्य सरकार की तरफ से किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान (50 percent grant) दिया जायेगा. इनता ही नहीं, मेंथा से तेल निकालने के लिए संयंत्र लगाने में भी किसानों अनुदान का लाभ दिया जायेगा.
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मेंथा की खेती के फायदे (Benefits Of Mentha Cultivation)
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इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिस वजह से इसका निर्यात बाहर राज्यों में और विदेशो में भी होता है.
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इसकी खेती में कम लागत लगती है.
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एक हेक्टेयर की मेंथा खेती में एकबार की कटाई में मेंथा के पत्तियों से 100 से 110 लीटर तक अर्क निकलता है, यह अर्क बाज़ार में 1300 से 1600 रुपये प्रति लीटर की दर से बिकता है जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है.
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