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बिहार: कृषि विज्ञान केन्द्र जाले में कृषि यंत्र बैंक प्रबंधन पर आयोजित पाँच दिवसीय प्रशिक्षण का समापन, 23 युवा किसानों ने लिया हिस्सा

कृषि विज्ञान केन्द्र जाले (दरभंगा) में वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ. दिव्यांशु शेखर की अध्यक्षता में पांच दिवसीय कृषि यंत्र बैंक प्रबंधन प्रशिक्षण का समापन हुआ. ई. निधि कुमारी ने किसानों को आधुनिक यंत्रों की उपयोग, देखभाल, लेजर लैंड लेवलर तकनीक और रोजगार सृजन पर प्रशिक्षित किया, जिसमें 23 युवा किसानों ने हिस्सा लिया.

कृषि विज्ञान केन्द्र जाले दरभंगा में वरिष्ठ वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ दिव्यांशु शेखर की अध्यक्षता में  कृषि यंत्र बैंक प्रबंधन पर पाँच दिवसीय प्रशिक्षण का समापन आज प्रमाण पत्र वितरित कर किया गया. कृषि यंत्र बैंक प्रबंधन के प्रशिक्षण समन्वयक, कृषि अभियंत्रण वैज्ञानिक ई. निधि कुमारी ने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान किसानों को खेती में हो रहे आधुनिक कृषि यंत्रों की प्रयोग  एवं देखभाल की जानकारी दी गई.

कृषि के क्षेत्र में किसानों को ज्यादा से ज्यादा यांत्रिकीकरण को अपनाने की जरूरत पर विशेष ध्यान दिया गया. खेती में लगने वाले विभिन्न यंत्र जैसे की प्राइमरी टिलेज यंत्र, सेकेंडरी टिलेज यंत्र, बीज बुआई यंत्र जैसे कि सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, रेज्ड बेड प्लांटर, मल्टी क्रॉप प्लांटर, हैप्पी सीडर, सुपर सीडर,  मेज डिबलर, सीडलिंड ट्रांसप्लांटर, ऑटोमैटिक पोटेटो प्लांटर, फसल कटाई यंत्र जैसे कि स्वचालित रीपर कम बाइंडर, मिनी हार्वेस्टर, कंबाइन हार्वेस्टर, ब्रश कटर, हेय रैक इत्यादि के प्रयोग एवं देखभाल की विस्तृत जानकारी दी जाएगी. खेत के समतल होने वाले लाभ की जानकारी दी गई एवं किसानों को लेजर लैंड लेवलर तकनीक द्वारा समतलीकरण हेतु प्रेरित किया गया.

ई. निधि ने बताया कि कैसे समतलीकरण से उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है, साथ ही भूमि के क्षेत्र को भी 2% तक बढ़ाया जा सकता है, साथ ही जल प्रबंधन, समेकित पोषक तत्व प्रबंधन इत्यादि को बढ़ावा मिल सकता है. कृषि में प्रयोग होने वाले फसल अवशेष प्रबंधन हेतू विभिन्न प्रकार के आधुनिक यंत्र जैसे कि स्ट्रॉ बेलर आदि के बारे में प्रशिक्षण दिया गया एवं इससे आने वाले समय में रोजगार सृजन की बात भी बतलाई गई.ई. निधि ने बताया कि किसान सही समय पर मजदूर के अभाव में खेती समय पर नहीं होती है साथ ही मजदूरी का खर्च भी बढ़ जाता है.

इसलिए युवाओं को इस प्रशिक्षण के माध्यम से इसको रोजगार हेतु अपनाने के लिए प्रेरित किया गया. बिहार सरकार की ओर से कृषि यंत्र बैंक योजना शुरू की गई है. इसके तहत किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर या कृषि बैंक की खोलने के लिए 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है.

इसमें केवल 20 प्रतिशत पैसा ही किसान को लगाना होगा. गांव में कृषि यंत्र बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य गांव के छोटे किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र बैंक की सहायता से सस्ते में किराये पर खेती के लिए कृषि यंत्र उपलब्ध कराना है ताकि हर किसान आधुनिक कृषि यंत्रों की सहायता से खेती का काम आसानी से कर सकें. कृषि यंत्र बैंक खोलने के लिए खेतीबाड़ी व बागवानी में काम आने वाले कृषि यंत्रों की खरीद पर सरकार किसानों को सब्सिडी दी जा रही है ताकि उन्हें सस्ते में कृषि यंत्र मिल सकें.

युवा किसानों को ज्यादा से ज्यादा यांत्रिकीकरण कर कृषि करने हेतु प्रेरित किया गया, ताकि कृषि को समय पर किया जाए एवं श्रम लागत भी घटाया जा सके.

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 23 युवा किसानों ने हिस्सा लिया. इस मौके पर उद्यानिकी विशेषज्ञ डॉ प्रदीप कुमार विश्वकर्मा, डॉ पूजा कुमारी, डॉ चंदन कुमार एवं केवीके के अन्य सभी कर्मचारीगण भी मौजूद थे.

English Summary: 5 day agricultural implement bank management training concludes 23 youth participate Published on: 16 August 2025, 11:09 PM IST

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