आज का युवा पढ़ाई करने के बाद सरकारी नौकरी के तलाश में जुट जाता है. सरकारी नौकरी पाने के युवा विभिन्न प्रकार की तैयारी भी करते है और बहुत से लोग उस मुकाम को हासिल भी कर लेते है. लेकिन इन सफल लोगों में भी कुछ लोग ऐसे होते है जो अपने मनमुताबिक पद न पाकर किसी अन्य पद पर काम करते है. जिसके परिणाम स्वरूप वे नौकरी छोड़कर अन्य बिजनेस की तरफ रूख कर लेते है. इसलिए यदि आप भी बिजनेस में पैसे निवेश करने की सोच रहे हो तो आपके लिए जूट के थैला (बैग) बनाने की यूनिट लगाना एक बेहतर विकल्प हो सकता है.
देश में कई राज्यों में प्लास्टिक के थैले के बैन होने के बाद जूट वाले थैले की मांग तेजी से बढ़ रही है. कम निवेश में जूट के थैले बनाने के बिजनेस से आप अच्छी कमाई कर सकते है. चलो अब जानते है की जूट के थैले का बिजनेस कैसे शुरू करें :-
मिनिस्ट्री़ ऑफ टैक्सटाइल्स के हैंडीक्राफ्ट डिवीजन के अनुसार यदि आप जूट बैग मेकिंग की यूनिट लगाने की सोच रहे हो तो आपको सिलने के ले 5 सिलाई मशीन (जिनमें 2 हैवी ड्यूटी) खरीदनी होगी. इन मशीनों के खरीद पर लगभग आपका खर्च 90 हजार रूपये होगा. इसके आलावा 1 लाख 4 हजार रुपये वर्किंग कैपिटल के लिए और फिक्सड असेट, ऑपरेटिंग खर्च अन्य खर्च के लिए 58 हजार रूपये खर्च करने होगें.
अब आपके प्रोजेक्ट की कैपिटल कॉस्ट लगभग 2.52 लाख रुपये आएगा. आपको कैपिटल कॉस्ट के आधार पर लोन मिलेगा जिसमे 1 महीने के कच्चा मैटेरियल के साथ महीने भी वेतन भी शामिल है. इसे आप ऐसे समझ सकते है की 65 फीसदी मुद्रा लोन और 25 फीसदी ब्याज मुक्त लोन नेशनल सेंटर फॉर जूट डायवर्फिकेशन (NCFD) से ले सकते है. बचे 25 हजार का इंतजाम खुद करना होगा.
कितना प्रोडक्शन होगा
यदि आप प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर यूनिट लगाते हैं तो आप 9 हजार शॉपिंग बैग, 6 हजार लेडीज बैग, 7500 स्कूल बैग, 9 हजार जेंट्स हैंड बैग, 6 हजार जूट बम्बू फोल्डर एक साल में तैयार कर सकते है. आपका साल अधिकतम खर्च 27.95 लाख रुपये तक आएगा, इसके आलावा सेल्स रेवेन्यू 32.25 लाख और ऑपरेटिंग प्रॉफिटपर 4.30 लाख रुपये होगा. यानी हर महीने करीब 36 हजार रुपये की कमाई निश्चित है.
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