भारत एक वैश्विक कृषि महाशक्ति है, जिसके संदर्भ में फिक्की (FICCI) ने 23 जून 2022 को नई दिल्ली के होटल ताज पैलेस में अपना 11वां कृषि रसायन सम्मेलन 2022 का आयोजन किया था. इस आयोजन की थीम “एक समृद्ध कृषि रसायन उद्योग के लिए नीति परिदृश्य” (Policy Landscape for a Flourishing Agrochemicals Industry) रखी गई थी, जिसके अंतर्गत 5 सत्र हुए थे.
उद्घाटन समारोह (Opening Ceremony)
इस सम्मलेन का शुभारंभ फिक्की फसल संरक्षण समिति और धानुका समूह के अध्यक्ष आर जी अग्रवाल के द्वारा किया गया था. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इन्होंने समृद्ध कृषि रसायन उद्योग के लिए नीति पर गहन चर्चा की.
इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मुख्य अतिथि के रूप में एपीएसी क्षेत्रीय विपणन निदेशक, डॉ सौम्या मित्रा के साथ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, भारत सरकार के माननीय अध्यक्ष विजय सांपला ने इस आयोजन को संबोधित किया.
पहला सत्र (First Session)
इसके पहले तकनीकी सत्र में समृद्ध कृषि रसायन उद्योग के लिए नीति परिदृश्य (Policy Landscape for a Flourishing Agrochemicals Industry) पर पैनल डिस्कशन रखा गया था, जिसमें पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर अशोक वर्मा, सिनजेंटा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के राफेल डेल रियो, जुबिलेंट इंग्रेविया लिमिटेड रिष्ठ उपाध्यक्ष शुभ्रा ज्योति रॉय, उत्तरी किसान मेगा एफपीओ के निदेशक पुनीत सिंह थिंड और ब्राजील के दूतावास एंजेलो डी क्विरोज़ मौरिसियो ने अपना योगदान दिया.
सरकारी योजनाओं का किसानों को लाभ (Benefits to Farmers of Government Schemes)
इस सत्र में बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) को धन्यवाद किया गया और कहा कि किसानों के हित लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है, जिसमें पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana), किसान बीमा योजना (Kisan Insurance Scheme), सॉइल हेल्थ कार्ड (Soil Health Card), ग्राम ज्योति योजना (Gram Jyoti Yojana) सहित अन्य योजनाओं शामिल है, जो केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया एक सराहनीय कदम है.
कीटनाशकों और कृषि रसायन उद्योग के प्रमुख उत्पाद का उपयोग दुनियाभर में कीटों के कारण होने वाले उत्पादन नुकसान पर नियंत्रण रखने के लिए किया गया है. इस प्रकार, उत्पादन हानियों से सुरक्षा और कृषि रसायनों के विवेकपूर्ण उपयोग से उपज वृद्धि कृषि उत्पादकता और उत्पादन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण कारकों में से एक हो सकती है.
जिस तरह से केंद्र ने कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी (Drone Technology for Pesticides) पर ज़ोर दिया है, उसको देखते हुए भारत के कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति आने वाली है. इसमें यह भी बताया गया कि जहां कृषि क्षेत्र में भारत का जितनी तेज़ी से विकास हो रहा है, उसको देखते हुए आने वाले समय में सेकेंड लार्जेस्ट प्रोडूसर से फर्स्ट लार्जेस्ट प्रोडूसर बन जाएगा.
दूसरा सत्र (Second Session)
वहीं दूसरे तकनीकी सत्र में 'कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के दायरे को मजबूत करने और कीटनाशकों के बारे में भ्रांतियों को दूर करने के उपाय' (Measures to strengthen the ambit of Agricultural Ecosystem and Debunking myths about pesticides) पर चर्चा की गयी. ख़ास बात यह है कि इस सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के माननीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने अपना सहयोग देकर इस कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए.
कीटनाशकों के अंधाधुंध इस्तेमाल पर लगाई जाए रोक (Indiscriminate Use of Pesticides Should be Banned)
इस आयोजन में ऑनलाइन माध्यम से जुड़ते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि, कृषि क्षेत्र में नई टेक्नोलॉजी (New Technology in Agriculture Sector) के बारे में जागरूक करने के लिए जगह-जगह पाठशालाएं लगाई जानी चाहिए ताकि किसानों को नई तकनीकों का अधिक से अधिक लाभ मिल सके.
इसके अतिरिक्त, हमारे यहां जिस तरह से कीटनाशकों (Pesticides) का अंधाधुंध उपयोग किया जा रहा है, उसको देखते हुए किसानों को इसे कम करने की जरूरत है और इसका नियमित उपयोग ही किया जाना चाहिए. साथ ही, किसानों को बायो (Bio) पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि जितना वह जैविक की तरफ बढ़ेंगे उतना ही उनकी मिट्टी की गुणवत्ता (Soil Quality) बढ़ेगी और उत्पादकता भी अधिक हो सकेगी.
केंद्र सरकार कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) की दिशा में काम कर ही रही है, लेकिन अगर निजी क्षेत्र के साथ कीटनाशक कंपनियां भी इसमें अपना योगदान दें, तो किसानों में कीटनाशकों के उपयोग की जागरूकता अधिक से अधिक बढ़ सकेगी.
इसके अलावा दूसरे सत्र में भारत सरकार के रसायन व उर्वरक मंत्रालय और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के राज्य मंत्री भगवंत खुबा द्वारा विशेष संबोधन किया. जिसमें एपीएसी/नोवकेयर, एग्रो, सॉल्वे के क्षेत्रीय बाजार निदेशक मुकुंद दुसाद के साथ संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के कार्यक्रम प्रबंधन अधिकारी सुश्री मिहेला क्लाउडिया और भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के प्रोफेसर डॉ सुरेश मिश्रा ने इस कार्यक्रम में आए लोगों को जागरूक किया.
कीटनाशकों पर घट सकती है जीएसटी
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि-रसायन उद्योग को आश्वासन दिया कि वह वित्त मंत्री के साथ कीटनाशकों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की उद्योग की मांग को उठाएंगे.
इसके अतिरिक्त, मंत्री ने फसल विविधीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि किसानों को अधिक बागवानी और महंगी फसलें उगानी चाहिए.
तीसरा सत्र (Third Session)
इसके अतिरिक्त, तीसरे तकनीकी सत्र में 'कृषि रसायनों के विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ाना और भारतीय कृषि रसायन उद्योग के लिए व्यापार के अवसरों को बढ़ाने' (Enhancing the judicious use of agrochemicals and augmenting trade opportunities for Indian agrochemical industry) के विषय पर चर्चा हुई.
चौथा और पांचवा सत्र (Fourth & Fifth Session)
इसके बाद, चौथे सत्र के विषय 'खाद्य उत्पादन बढ़ाने में कृषि रसायनों की भूमिका' (Role of Agrochemicals in increasing the food production) और अंतिम यानी पांचवे तकनीकी सत्र के विषय 'भविष्य के विकास के लिए कृषि रसायन क्षेत्र' (Positioning agrochemicals sector for the future growth) पर बातचीत करते हुए इस कार्यक्रम को विराम दिया गया.
इस सम्मेलन में रसायन और पेट्रोकेमिकल विभाग, कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, उद्योग जगत के कप्तानों, किसानों और दुनिया भर के शिक्षाविदों की संभावित उपस्थित थे.
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