तिलहन की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है. तिलहन किसानों के लिए सरकार एक विशेष योजना लाने जा रही है. यह योजना किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य में मदद करने के उद्द्श्य से लाया जा रहा है. योजना के तहत अगर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम पर फसल बेचने की नौबत आर्ई तो सरकार कीमत में अंतर का भुगतान करेगी. किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ देने के लिए इस योजना की राशी 10,000 करोड़ रुपए रखी गयी हैं.
यह योजना मध्य प्रदेश में चल रही भावांतर भुग्तान योजना की तरह होगी. वहीं तिलहन के उत्पादन की अगर बात करें तो देश में इसका उत्पादन प्रणुख तौर पर मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में होता है. तेल मिलों के संगठन एसईए के अनुसार पिछले वर्ष सोयोबीन, मूंगफली और रेपसीड के दाम 5 साल के नीचले स्तर पर पहुंच गए थे. सत्रों की अनुसार कृषि मंत्रालय ने कैबिनेट नोट तैयार लिया है और जल्द ही इसे कैबिनेट के विचार के लिए भेजा जाएगा. पिछले बजट के दौरान सरकार ने कहा था कि किसानों के लिए एमएसपी सुनिश्चित किया जाएगा. इस विषय पर राय देने के लिए एक समिति का गठन भी किया गया था.
आंकड़ों की बात करें तो 58% खाद्य तेल आयात हुआ था वर्ष 2016-17 में घरेलू खपत का, वहीं 61 % तेल आयात किया गया 2017-18 में घरेलू खपत का.
कृषि जागरण डेस्क
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