
कृषि एक व्यापाक क्षेत्र हैं, जिसमें किसानों को काफी दिक्कतों को सामना भी करना पड़ता है. मगर अब वैज्ञानिकों की बदौलत कई ऐसे कृषि उपकरण विकसित किए जा चुके हैं, जिनकी बदौलत घंटों का काम महज कुछ ही वक्त में पूरा हो रहा है. इसी कड़ी में आज इस लेख के माध्यम के हम किसानों के लिए ICAR पूसा द्वारा विकसित फसलों की बुवाई और रोपाई के लिए 5 उपकरणों की जानकारी साझा करने जा रहे हैं.
'पूसा' लहसुन प्लांटर
'पूसा' लहसुन प्लांटर बुवाई के लिए एक बेहतरीन मशीन है. बता दें कि यह नौ पंक्ति वाली ट्रैक्टर चालित मशीन है. जिसमें हर एक पंक्ति से पंक्ति की दूरी 150 मिमी और वांछित पौधे की दूरी 75 मिमी है. मशीन की क्षमता 0.2 हेक्टेयर प्रति घंटा है. तो वहीं पूसा लहसून प्लांटर की कीमत 80000 रुपए है.
मैनुअल मल्टी-क्रॉप प्लांटर
सब्जियों की फसलों की बुवाई के लिए पूसा द्वारा मैनुअल मल्टी-क्रॉप प्लांटर विकसित किया गया है. यह मैनुअल मल्टी-क्रॉप प्लांटर ग्रीन हाउस, छोटे खेतों और नर्सरी में बुवाई के लिए उपयुक्त है. प्लांटर में सीड हॉपर, सीड मीटरिंग यूनिट, ड्राइव रोलर, सीड कवर, प्रेस रोलर, गहराई समायोजन के साथ फरो ओपनर और ऊंचाई समायोजन के साथ एक हैंडल शामिल है. इस मशीन की कीमत 55000 रुपए से शुरू है.
हल्दी राइजोम रोपाई यंत्र:
पूसा द्वारा ट्रैक्टर चालित हल्दी राइजोम रोपाई यंत्र विकसित किया गया है. इस यंत्र से फीड बीज मीटरिंग क्रिया विधि, राइजोम हॉपर, राइजोम मीटरिंग शॉफ्ट, शू टाइप फरो ओपनर के साथ जमीन की सतह पर पहुंचाने के लिए चेन स्प्रोकैट के साथ स्पाइक टूथ ग्राउंड व्हील विकसित किए गए हैं. खास बात यह कि इस मशीन के जरिए एक ही समय में एक निश्चित फासले के साथ तीन पंक्तियों में रोपाई की जा सकती है. इस इकाई की प्रभावी खेत क्षमता 0.15 हेक्टेयर प्रति घंटा है.
भिंडी तथा कपास के लिए वायवीय रोपाई यंत्र
भिंडी और कपास के बीज की रोपाई के लिए पूसा ने एक ट्रैक्टर चालित एक वायवीय रोपाई यंत्र विकसित किया गया गया है. इस मशीन के उपयोग से बुवाई की लागत में अन्य पारम्परिक विधियों की तुलना में 4,826 रुपए प्रति हेक्टेयर तक की बचत होती है. इसी प्रकार से कपास की रोपाई के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पारम्परिक विधियों की तुलना में इस मशीन से 4,597 रुपए प्रति हेक्टेयर तक की बचत हो सकती है.
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पूसा गाजर बोने की मशीन
गाजर बोन के लिए पूसा की एक बेहतरीन मशीन है, जिसे खास रोपाई के लिए ही बनाया गया है. इस मशीन में 2 क्यारी और 8 कतार वाले गाजर के रोपण के मेड़ बनाई गईं हैं, जो कि 20 सें.मी. ऊंचाई वाली उठी हुई क्यारियों में गाजर के बीजों के सटीक रोपण के लिए विकसित किया गया है. प्लांटर गाजर को प्रत्येक क्यारी पर चार पंक्तियों में पंक्ति से पंक्ति की दूरी 7.5 सें.मी. की दूरी पर लगाते हैं. लगाने की औसत गहराई 2.25 सेमी देखी गई. मशीन की क्षेत्र क्षमता 0.5 हेक्टेयर प्रति घंटा है. इस मशीन की कीमत 90000 रुपए है.
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