Raised Bed Planter Machine: राजस्थान में किसानों को खेती के लिए सरकार द्वारा सस्ते कृषि संयंत्र प्रदान किए जाते हैं. इसके लिए सरकार द्वारा कृषि यंत्रों पर किसानों को सब्सिडी प्रदान की जाती है, जो कृषि यंत्रों की लागत के मुताबिक होती है. वर्तमान में रबी मौसम की फसलों की बुवाई चल रही है. अधिकांश किसान रबी मौसम में गेहूं और चने की बुवाई कर रहे हैं. गेहूं और चने की बुवाई के दौरान रेज्ड बेड प्लांटर बहुत महत्वपूर्ण होता है, लेकिन महंगा होने के कारण छोटे किसानों इसे खरीद नहीं पाते. हालांकि, अब किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सरकार द्वारा झुंझुनूं जिले में रेज्ड बेड प्लांटर की खरीद पर 50 से 60% तक सब्सिडी दी जा रही है.
तेज हवा या आंधी का नहीं पड़ता प्रभाव
रेज्ड बेड प्लांटर मशीन की विद्युत चालित मशीन है जो गेहूं और चने के बीज की बुवाई को आसान और इसे तेज हवा या आंधी से कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता. इसकी मदद से गेहूं फसल तेज हवा या बारिश में झुकती नहीं है. इस मशीन से 22 इंच चौड़े और लगभग 6 इंच ऊंचे क्यारियां बनायी जा सकती है. प्रत्येक क्यारी में दो ठोस नालियां होती हैं और इसके माध्यम से एक बार में दो क्यारियां और तीन नालियां बनाई जा सकती हैं. इस तरीके से निश्चित गहराई पर जोता और फिर बीज रखने की प्रक्रिया की जाती है, जिसे रीजन एंड फेरो विधि कहा जाता है.
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इतनी मिल रही है सब्सिडी
संयंत्रों के गुणों के बारे में जानकारी देते हुए कृषि सहायक निदेशक सविता ने बताया कि रेज्ड बेड प्लांटर दो प्रकार के होते हैं. पहला जिसका वजन हल्का होता है और दूसरा जो हैवी वेट होता है. लाइट वेट की कीमत 35 हजार रुपए तक हो सकती है, जबकि हैवी वेट की कीमत 45 हजार रुपए तक हो सकती है. सरकार द्वारा लाइट वेट प्लांटर पर 26,250 रुपए और हैवी वेट प्लांटर पर 33,750 रुपए तक की सब्सिडी किसानों को प्रदान की जाती है. रेज्ड बेड प्लांटर के माध्यम से न केवल गेहूं और चने की फसल उत्पादित की जा सकती है, बल्कि इसमें बहुत सारी सब्जियां भी की जा सकती हैं, जैसे बैंगन, मिर्च, टमाटर, प्याज, लहसुन, मक्का आदि. सरकार द्वारा किसानों को रेज्ड बेड प्लांटर लगाने की योजना में लघु सीमांत और महिला किसानों को लागत का 60% और सामान्य किसानों को 50% तक की अनुदान दिया जा रहा है.
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