एक समय था जब किसानों की रातें खेतों में जंगली जानवरों को भगाने और पहरेदारी में ही निकल जाती थी, लेकिन आज नई तकनीकों के आने के बाद ये समस्या काफी हद तक कम हो गई है. हालांकि आज भी गांवों में पशुओं को खेतों से भगाने के लिए किसान ढोल पीटता, पटाखे फोड़ता या शोर मचाता हुआ आपको दिख जाएगा, लेकिन अब ये सूरत धीरे-धीरे बदल रही है. इस बदलाव को हिमाचल प्रदेश में बहुत साफ तौर पर देखा जा सकता है.
सोलर बाड़ से हो रही खेतों की सुरक्षा
प्रदेश की सरकार ने मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत किसानों की इस समस्या का बहुत हद तक निदान कर दिया है. दरअसल इस योजना के तहत राज्य में किसानों को सरकार खेतों की सुरक्षा के लिए सोलर बाड़बंदी प्रदान करवाती है. इस बाड़बंदी से जंगली जानवरों खेतों में नहीं आ पाते और फसलों के उजाड़ होने की समस्या किसानों को नहीं होती.
इस तरह काम करती है सोलर बाड़
इस सोलर बाड़ के संपर्क में आते ही जानवरों का करंट लगता है और वो खेतों से दूर भागते हैं. करंट का स्तर इतना कम है कि उससे किसी जानवर की मृत्यु नहीं हो सकती और न ही वो अपंग हो सकते हैं. बस इसके संपर्क में आने पर जोर का झटका लगता है और जानवर खेतों से दूर हो जाते हैं.
बजता है सोलर अलार्म
अगर इस बाड़ को पार कर करंट को सहते हुए कोई जानवर खेतों में आ भी जाता है, तो सोलर मशीन जोर का अलार्म बजाती है, जिसकी आवाज़ सुन जानवर भागने लग जाते हैं और किसान सचेत हो जाते हैं.
इन जानवरों से सुरक्षा में कारगर
आज राज्य में बड़ी तादाद में किसान सुअरों, बंदरों, नीलगायों और अन्य जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए सोलर बाड़ का उपयोग कर रहे हैं. कृषि विभाग द्वारा मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत उन्हें इसके लिए अनुदान भी मिल रहा है.
यहां करें आवेदन
इस सोलर बाड़ के लिए राज्य में किसानों को कृषि विभाग में जाकर आवेदन करना है, जिसके
बाद विभाग से सूचीबद्ध कंपनी ने अधिकारी किसानों के जमीन का आंकलन करते हैं. आंकलन के बाद आवेदन की सत्यता होने पर सब्सिडी दी जाती है.
लगाने की जिम्मेदारी कंपनी की
बाड़ लगाने का काम कंपनी के अधिकारियों का है. इसके साथ ही अगर बाड़ में कोई खराबी आती है या वो वो टूट जाता है तो उसकी मरम्मत की जिम्मेदारी भी कंपनी की है. बाड़ लगाने के लिए किसान आवेदन जमीन के कागज, आधार कार्ड और बैंक खाते के साथ कर सकते हैं.
85 प्रतिशत तक मिल रहा है अनुदान
इस काम के लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को 85 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है. इतना ही नहीं, अब सरकार द्वारा सोलर बाड़ लगाने के साथ-साथ कांटेदार तार लगवाने के लिए भी मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत मदद दी जा रही है.
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