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देव वृक्ष पारिजात की अद्भूत कहानी, भगवान कृष्ण से सत्यभामा की मांग

पारिजात का फूल बहुत ही छोटा व देखने में काफी खूबसूरत लगता है, जितना देखने में खूबसूरत लगता है उससे कहीं अधिक इसकी खुशबू मन को मोह लेती है.

सावन कुमार
सावन कुमार
Many medicinal properties of Parijat
Many medicinal properties of Parijat

हिन्दू पौराणिक कथाओं में पारिजात का काफी महत्व है, कहा जाता है की पारिजात स्वर्ग लोक का वृक्ष हैं. एक बार भगवान श्री कृष्ण अपनी पत्नी रुक्मणि के साथ थे तभी देव ऋषि नारद जी ने श्रीकृष्ण के चरणों में अर्पित करने के लिए पारिजात का फूल लेकर आए जिसे देखकर रुक्मणि ने नारद जी से फूल को ले लिया और अपने बालों में लगा लिया.  रुक्मणि के बालों में पारिजात का फूल देखकर श्रीकृष्ण की दूसरी पत्नी सत्यभामा ने श्रीकृष्ण से पूरे वृक्ष की मांग करने डाली. ये वृक्ष सिर्फ स्वर्ग लोक में भी था. श्रीकृष्ण सत्यभामा के साथ इंद्र के पास गए और उनसे पारिजात का वृक्ष मांगा लेकिन इंद्र ने इस अलौकिक वृक्ष को देने से इंकार कर दिया.  कथाओं के अनुसार श्रीकृष्ण और इंद्र के बीच युद्ध हुआ और इंद्र पराजित हुए जिसके परिणाम स्वरूप इंद्र ने सत्यभामा को पारिजात का वृक्ष सौंपा फिर वो धरती पर लेकर आईं. पौराणिक कथाओं के अनुसार पारिजात का वृक्ष देवासुर संग्राम के समय जो समुंद्र मंथन हुआ था उसी मंथन से इस वृक्ष की उतपत्ति हुई. तब से ये इंद्र के पास स्वर्ग लोक में था.  

मनमुग्ध करने वाली पारिजात की खुशबू


पारिजात का फूल बहुत ही छोटा व देखने में काफी खूबसूरत लगता है, जितना देखने में खूबसूरत लगता है उससे कहीं अधिक इसकी खुशबू मन को मोह लेती है.  इसे रात्रि चमेली भी कहते हैं, पारिजात का वृक्ष कहीं पर भी हो जैसे-जैसे रात बढ़ती है वैसे-वैसे इसकी खुशबू भी तेजी से बढ़ती है. इसका फूल सितंबर से दिसंबर तक पेड़ों में रहता है. इसके फूल से पूरे आंगन में एक आलौकिक सुगंध से सुगंधित हो जाता है और इसकी सुगंध काफी दूर तक फैलती रहती है. हिन्दू धर्म में इसके फूल का बहुत महत्व है. कई देवी- देवताओं का श्रृंगार इस फूल से किया जाता है. मान्यता है कि भगवान शिव को ये फूल अत्यधिक पसंद है इसलिए इसे शिउली का हर श्रृंगार भी कहते हैं. आपको बता दे कि इस फूल का इत्र भी बनता है. इतना ही नहीं फूल के पीछे की जो डंटल होती है, उसको सूखा कर उससे चम्पई रंग भी बनाया जा सकता है जिसका प्रयोग कई तरह की मिठाई बनाने में किया जा सकता है.  

पारिजात की पत्तियों के अनेकों औषधीय गुण


पारिजात का फूल दिखने में जितना सुंदर और इसकी सुगंध जितनी मनमोहक होती है उससे कई गुना ज्यादा इसके पत्तियों में औषधीय गुण पाए जाते हैं

  • इसकी पत्तियां ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण होने वाले दर्द में तुरंत राहत दिलाती हैं.
  • पत्तियों को उबालकर पीने से साइटिका के दर्द से जल्द ही लाभ मिलता हैं.

इसे भी पढ़ें- Ram Mandir Bhumi Pujan के दौरान लगा परिजात का पौध, जानिए क्या है इसका महत्व

  • पारिजात की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से तेज बुखार तुरंत ही उतर जाता है.
  • इसकी पत्तियों के नियमित सेवन करने से मधुमेह जैसी बीमारी जल्द ही ठीक होती है.
  • पारिजात की पत्तियों एन्टीडिप्रेसेंट गुण भी पाया जाता है. इसके नियमित चाय बनाकर पीने से अवसाद से खुद को बचाया जा सकता है. ये मानसिक तनाव को कम करने में काफी मदद करता है.    
  • उक्त किसी भी रोग के उपचार में काढ़ा इस तरह से बनाना चाहिए की पारिजात की पत्तियां पूरी तरह से उबल सकें. जैसे दो गिलास पानी में इसकी करीब दस पत्तियों को धीमी आंच पर तब तक उबालना चाहिए जब तक की पानी आधा गिलास ना हो जाए.  
English Summary: Many medicinal properties of Parijat Published on: 15 September 2023, 06:04 IST

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