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देश है तो हम हैं

सारे जग से निराला राम रहमान वाला, संस्कृति और साम्यता में सबसे प्रथम है। जहाँ पे अजान संग नानक के गुरु ग्रंथ, साँवरे की बाँसुरी की सजे सरगम है।

KJ Staff
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सारे जग से निराला राम रहमान वाला,
संस्कृति और साम्यता में सबसे प्रथम है।
जहाँ पे अजान संग नानक के गुरु ग्रंथ,
साँवरे की बाँसुरी की सजे सरगम है।

ऐसा प्यारे देश की ये गंगो जमनी सभ्यता,
सारी दुनिया में लहराती परचम है।
बार-बार कुर्बान जान मेरे देश पर,
हमसे है देश और देश है तो हम हैं।।

प्रेम इस वसुधा की संस्कृति की सभ्यता से,
देव ऋषि मुनियों का यहाँ समागम हैं।
गीत लोकगीत तीज त्योहारों का बोलबाला,
सुवासित बहारों की रुत हरदम है।

ऐसे राष्ट्र पर कोई विपदा ना आने पाये,
आओ हम सब मिल खाते ये कसम हैं।
न्योछावर कर देंगे जिन्दगी को इस पर,
एक नहीं सौ-सौ बार, देश है तो हम हैं।।

केसर की फुलवार बहे सरिता की धार,
ठंडी-ठंडी पुरवा का शोर मधुरम है।
महकते मधुबन खिलते ये उपवन,
चारोँ ओर खुशियाँ हैं, नहीं कहीं गम है।

नजर लगे ना कहीं कभी मेरे भारत को,
शहीदों की शहादत से मिला करम है।
शीश ये नमन करूँ शहीदों के चरणो में,
जिन्होंने सिखाया हमें देश है तो हम हैं।।

 लेखक: प्रमोद  सनाढ़्य नाथ

English Summary: read hindi poem desh hai to hum hain Published on: 26 July 2021, 02:41 IST

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