आज की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में शारीरिक समस्याएं एक आम बात हो गयी है. हर किसी को शरीर से जुड़ी कोई न कोई समस्या बनी ही रहती है. विशेषकर हार्मोनल असंतुलन की समस्या पिछले कुछ समय में काफी बढ़ती हुए देखी गई है.दरअसल, हार्मोन्स एक प्रकार के रसायन होते हैं जो कि विशेष कोशिकाओं द्वारा पैदा होते हैं.
आमतौर पर अंतःस्रावी ग्रंथियों(endocrine glands) के भीतर इनका निर्माण होता है और ये खून के बहाव के माध्यम से शरीर के विभिन्न हिस्सों में संदेश भेजने का काम करते हैं. इसमें होने वाले असंतुलन की समस्या पूरे शारीरिक में दिक्कत पैदा करती है.
हार्मोनल असंतुलन होने पर शरीर में वजन बढ़ना,कंधों के बीच चर्बी का बढ़ना, अनावश्यक थकान, मांसपेशियों में कमज़ोरी और दर्द जैसी कई समस्याएं पैदा होने लगती हैं. इन सस्याओं के समाधान के लिए विशेषज्ञों के मुताबिक नियमित रूप से योग-व्यायाम की आदत आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकती है. योग के अभ्यास की आदत हार्मोनल असंतुलन की समस्या को ठीक करने में मदद करते हैं.
हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने के लिए निम्न योगासनों का प्रयोग करें
भुजंगासन योग
हार्मोनल असंतुलन को कम करने के लिए भुजंगासन योग के अभ्यास की आदत काफी फायदेमंद साबित हो सकती है. नियमित रूप से भुजंगासन योग का अभ्यास थायराइड फंक्शन और ओवरी की स्थिति में सुधार करने में भी मदद करता है. जिससे हार्मोन्स की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है. इसके अलावा यह योगासन पीठ और कमर दर्द की दिक्कतों को कम करने के साथ पेट के अंगों को स्वस्थ रखने में भी सहायक माना जाता है.
उष्ट्रासन योग(camel yog)
जिन लोगों को हार्मोनल असंतुलन की समस्या है, विशेषज्ञ उन्हें कैमल पोज या उष्ट्रासन योग का नियमित रूप से अभ्यास करने के लिए कहते हैं. यह रक्त के संचार को ठीक बनाये रखने में काफी सहायक होता है.
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शलभासन योग
शलभासन योग के नियमित अभ्यास की आदत आपकी हार्मोनल इंबैलेंस की दिक्कतों को कम करने में काफी मददगार साबित हो सकती है. विशेषकर हार्मोनल असंतुलन के कारण महिलाओं को इस आसन से काफी लाभ होता है और साथ ही शलभासन योग का नियमित अभ्यास शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है.
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