Diabetes: आजकल के भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल और खराब खान-पान की वजह से कई लोग डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी से परेशान है. डायबिटीज एक बेहद खतरनाक बीमारी है. जिसमें मरीजों को दवा से ज्यादा खानपान का ध्यान रखना होता है. क्योंकि खान-पाने में थोड़ी सी लापरवाही बरतने पर यह बीमारी जानलेवा बन जाती है. इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, डायबिटीज मरीजों को हेल्दी और फिट बने रहने के लिए अपने खान-पान का बेहद ध्यान रखना चाहिए. इस समय भारत में टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज तेजी से बढ़ रही है. जानकारी के लिए बाता दें, डायबिटीज ना केवल ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ाती है बल्कि कई तरह की समस्याओं को जन्म भी देती है.
इसलिए आज के इस आर्टिकल हम आपको एक ऐसे चावल के बारे में बताएंगे. जिसके सेवन से आपका शुगर लेवन/Sugar Leaven नहीं बढ़ता.
डायबिटीज के मरीजों को चावल क्यों नहीं खाना चाहिए?
कार्बोहाइड्रेट से भरपूर चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स यानी जीआई 64 होता है. इसलिए, डायबिटीज़ के मरीजों को चावल खाने से बचना चाहिए. क्योंकि इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल/Blood Sugar Level तेज़ी से बढ़ सकता है.
इस चावल का सेवन कर सकते हैं शुगर मरीज
सांभा मंसूरी चावल बैक्टीरियल ब्लाइट रोग के लिए प्रतिरोधी है और साथ ही साथ इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी काफी कम है, जो मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है. गौरतलब है कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) एक पैमाना है जो कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन या पेय को इस आधार पर रैंक करता है कि इसे खाने या पीने के बाद रक्त में ग्लूकोज कितना बढ़ता है.
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सांभा मंसूरी चावल की खेती कहां कहां होती है
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में सांभा मंसूरी चावल की खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना और अन्य कई राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है. देश-विदेश में चावल के इस बेहतरीन किस्म की मांग काफी अधिक होती है. ऐसे में यह चावल किसानों की आय बढ़ाने का सबसे अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. मिली जानकारी के अनुसार, चावल की इस किस्म की खेती करीब 1.5 लाख हेक्टेयर से भी अधिक खेत में की जाती है. अगर आप चावल की इस किस्म के बारे में अधिक जानकारी पाना चाहते हैं, तो इसके लिए आप आईसीएआर-आईआईआरआर की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं, चाहे तो अपने नजदीकी कृषि विभाग अधिकारियों से भी संपर्क कर सकते हैं.
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