भारत में दुग्ध उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है और सरकार भी किसानों को इस व्यापार में पूरी सहायता प्रदान करती है. बावजूद इसके, देश में दूध की मिलावट की खबरें लगातार सुनने को मिल रही हैं. कई जगहों पर स्टार्च, यूरिया, रिफाइंड ऑयल, डिटर्जेंट और सिंथेटिक केमिकल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.
असली और नकली दूध की पहचान करना मुश्किल हो गया है, क्योंकि मिलावटखोर लगातार नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन चिंता करने की जरूरत नहीं है. हम आपके लिए घर पर आसानी से दूध की शुद्धता जांचने के 3 आसान घरेलू तरीके लेकर आए हैं. इन तरीकों से आप केवल एक मिनट में पता लगा सकते हैं कि दूध असली है या नकली.
- पानी की मिलावट पकड़ने का बूंद टेस्ट
दूध में सबसे आम मिलावट पानी की होती है. इसे पहचानने का आसान तरीका है बूंद टेस्ट.
विधि:
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एक साफ सतह पर दूध की एक बूंद डालें.
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अगर दूध धीरे-धीरे फैलता है और निशान छोड़ता है, तो दूध शुद्ध है.
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अगर दूध तेजी से फैलता है और कोई निशान नहीं छोड़ता, तो यह मिलावटी दूध हो सकता है.
- डिटर्जेंट का पता लगाएं झाग टेस्ट से
कई बार दूध में डिटर्जेंट मिलाया जाता है ताकि दूध सफेद और गाढ़ा दिखे. इसे जांचने के लिए झाग टेस्ट अपनाया जा सकता है.
विधि:
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एक बोतल में थोड़ी मात्रा में दूध डालें और अच्छी तरह हिलाएं.
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देखें कि दूध में झाग कितना बनता है और कितने समय तक रहता है.
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यदि झाग कम बनता है और कुछ देर में गायब हो जाता है, तो दूध सुरक्षित है.
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यदि झाग लंबे समय तक बना रहता है, तो दूध मिलावटी हो सकता है और सेहत के लिए हानिकारक है.
- स्टार्च पकड़ने का आयोडीन टेस्ट
कई जगह दूध में स्टार्च मिलाकर उसे गाढ़ा दिखाया जाता है. इसे पहचानने का तरीका बहुत सरल है.
विधि:
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दूध को हल्का गर्म करके ठंडा होने दें.
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उसमें 2-3 बूंद आयोडीन डालें.
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यदि दूध का रंग नीला हो जाता है, तो उसमें स्टार्च मिला है.
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यदि रंग नहीं बदलता, तो दूध शुद्ध है.
सुरक्षित दूध कैसे चुनें?
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दूध खरीदते समय FSSAI का लाइसेंस नंबर जरूर चेक करें.
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सस्ते के चक्कर में खुले या लोकल सप्लाई वाले दूध से बचें.
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बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को केवल प्रमाणित स्रोत से ही दूध दें.
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