मनुष्य का शरीर नाशवान होता है, उसे एक न एक दिन नष्ट होना ही है. मगर यह बिना किसी बीमारी के नष्ट नहीं हो सकता है इसे किसी न किसी बीमरी का सहारा चाहिए, फिर चाहे वह छोटी बीमारी हो या बड़ी. लकवा भी इन्हीं बीमारियों में से एक है जो कि मनुष्य के शरीर को नष्ट करने में कभी- कभी अपनी भूमिका निभाती है. आयुर्वेद में इसे पक्षाघात रोग के नाम से भी जाना जाता है. इस बीमरी के होने पर लोगों के हाथ पैर टेढ़े हो जाते हैं, और साथ ही शरीर के कई अंग भी काम करना बंद कर देते हैं.
लकवा के संबंध में विशेषज्ञों का मानना है कि यह दिमाग के एक हिस्से को प्रभावित करता है जिससे कभी-कभी आपने देखा होगा कि लोगों के शरीर के एक तरफ का हिस्सा काम करना बंद कर देत है और साथ ही उनके हाथ पैर टेढ़े हो जाते हैं.
लकवा को ठीक करने के घरेलू तरीके
नींबू पानी का एनिमा
लकवा रोग को दूर करने के लिए नींबू पानी का एनिमा एक बेहतरीन इलाज है. इसके प्रक्रिया के अनुसार पीड़ित रोगी को प्रतिदिन नींबू पानी का एनिमा लेकर अपने पेट को साफ करना चाहिए, ताकि उसके शरीर से अधिक से अधिक पसीना निकले, क्योंकि पसीना इस रोग को काटने में सहायक होता है.
उड़द दाल और सोंठ का पानी
लकवा बीमारी का घरेलू उपचार से करने के लिए उड़द दाल और सोंठ के पानी को हल्की आंच पर गर्म करें. और यह मिश्रण रोगी को रोजाना पिलाएं. इससे काफी राहत मिलती है.
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दूध और छुहारा
लकवा रोगी को रोजाना दूध में छुहारे भिगोकर देते रहना चाहिए, क्योंकि इन दोनों चीजों का मिश्रण रोगी के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी होता है.
गीली मिट्टी का लेप
लकवा रोग को काटने के लिए लकवा रोग से पीड़ित रोगी के पेट पर गीली मिट्टी का लेप करना चाहिए. यदि रोजाना ना हो सके, तो एक दिन छोड़ कर यह उपाय जरूर करना चाहिए क्योंकि इससे लकवा ठीक होने की अधिक संभावना रहती है.
तुलसी और दही का मिश्रण
लकवा की समस्या से छुटकारा पाने के लिए तुलसी के पत्तों को दही और सेंधा नमक के साथ अच्छी तरह मिलाकर इसका लेप लगाने से मरीज को राहत मिलती है.
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