भारत में कई ऐसे फल हैं, जो अपने औषधीय गुणों के लिए जाने जाते हैं. फल हमारी सेहत के लिए बहुत लाभकारी होते हैं. आज हम एक ऐसे फल के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. जी हाँ हम बात कर रहे हैं लसोड़ा की. लसोड़ा को हिन्दी में ‘गोंदी’ और ‘निसोरा’ भी कहते हैं. इसके फल सुपारी के बराबर होते हैं. कच्चा लसोड़़ा का साग और आचार भी बनाया जाता है
लसोड़ा फल में प्रोटीन, क्रूड फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, वसा, फाइबर, आयरन, फॉस्फोरस व कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. लसोड़ा का वृक्ष मध्यम ऊंचाई वाला होता है और इसके फल अकार में छोटा होता है. लसोड़ा हमारी सेहत के लिए कितना लाभकारी होता है यह जानने के लिए पढ़िए इस पूरे लेख को .
लसोड़ा का सेवन करने से मिलने वाले फायदे – (Benefits Of Consuming Lasoda)
1. गले की समस्या - छाल के रस को अधिक मात्रा में लेकर इसे उबाला जाए और काढ़ा बनाकर पिया जाए तो गले की तमाम समस्याएं खत्म हो जाती है. लसोड़े की छाल को पानी में उबालकर छान लें इस पानी से गरारे करने से गले की आवाज खुल जाती है.
प्रदर रोग
लसोड़ा के पत्तों का रस प्रमेह और प्रदर दोनों रोगों के लिए कारगर होता है लसोड़ा की छाल का काढा तैयार कर माहवारी की समस्याओं से परेशान महिला को दिया जाए तो आराम मिलता है.
दांतों का दर्द
लसोड़े की छाल का काढ़ा बनाकर उस काढ़े से कुल्ला करने से दांतों का दर्द दूर होता है.
गले की खराश
अगर खले में खराश या फिर खांसी जैसी समस्या है तो लसोड़े का काढ़ा बनाकर सेवन कर सकती हैं. काढ़ा बनाने के लिए लसोड़े को पानी में उबालकर पी सकती हैं
दाद खाज
दाद, खाज, या फिर खुजली जैसी समस्या से निपटने के लिए लसोड़े के बीज काफी फायदेमंद हैं. इसके लिए लसोड़े के बीज को पीस लें और पेस्ट की तरह खुजली वाले स्थान पर लगाएं
माहवारी
लसोड़ा की छाल का काढ़ा पीने से महिलाओं को माहवारी की समस्याओं में आराम मिलता है.
अतिसार
लसोड़े की छाल को पानी में घिसकर पिलाने से अतिसार ठीक होता है
हैजा (कालरा)
लसोडे़ की छाल को चने की छाल में पीसकर हैजा के रोगी को पिलाने से हैजा रोग में लाभ होता है.
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