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कितना सही है प्लास्टिक कंटेनर में भोजन रखना, क्या आपकी सेहत हो रही है प्रभावित

आज के समय हमारे चारो तरफ प्लास्टिक ही प्लास्टिक है. सस्ता और कम खराब होने के कारण इसका उपयोग बढ़ता ही जा रहा है. सुबह की पैकट वाली दूध से लेकर रात के ड्ब्बे में रखे भोजन तक में प्लास्टिक का उपयोग होता है. इतना ही नहीं, आज के समय में तो थाली, कटोरी ग्लास तक प्लास्टिक के उपयोग होने लगे हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि प्लासस्टिक में भोजन रखना या इसका भोजन के संपर्क में आना आपके लिए कितना खतरनाक हो सकता है. चलिए आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं.

सिप्पू कुमार

आज के समय हमारे चारो तरफ प्लास्टिक ही प्लास्टिक है. सस्ता और कम खराब होने के कारण इसका उपयोग बढ़ता ही जा रहा है. सुबह की पैकट वाली दूध से लेकर रात के ड्ब्बे में रखे भोजन तक में प्लास्टिक का उपयोग होता है. इतना ही नहीं, आज के समय में तो थाली, कटोरी ग्लास तक प्लास्टिक के उपयोग होने लगे हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि प्लासस्टिक में भोजन रखना या इसका भोजन के संपर्क में आना आपके लिए कितना खतरनाक हो सकता है. चलिए आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं.

प्लास्टिक में खाना रखना खतरनाक

इस विषय पर अधिकतर रिसर्चों में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि प्लास्टिक कंटेनर या पन्नी में रखा खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं है. ऐसे भोजन में भारी मात्रा में खतरनाक और जानलेवा केमिकल्स होने की संभावना होती है. इतना ही नहीं, ऐसा भोजन शरीर को धीरे-धीरे कमजोर करता जाता है.

हो सकते हैं कई रोग

गलती से भी अगर गर्मा-गरम खाना प्लास्टिक के डब्बे में डाल दिया जाए तो वो केमिकल्स के खतरे को कई गुणा बढ़ा देता है. प्लास्टिक से शरीर में जाने वाला जहर 'एंडोक्रिन डिस्ट्रक्टिंग' कहलाता है, जिससे कई तरह के गंभीर रोग हो सकते हैं.

कैंसर होने का खतरा

शरीर में जाकर ये इतना अधिक नुकसान करता है कि कैमिकल हार्मोंस अंसतुलित हो जाते हैं, जिसके बाद कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. रंगहीन प्लास्टिक के मुकाबले रंगीले पलास्टिक सेहत के लिए अधिक खराब हैं.

सतर्कता

सबसे बढ़िया तो यही है कि आप स्टील के टिफिन का उपयोग करना शुरू कर दें. अगर प्लास्टिक टिफिन का उपयोग कर भी रहे हैं, तो गरम-गरम खाना उसमें न डाले. इसी तरह अगर माइक्रोवेव का उपयोग कर रहे हैं, तो उसे अधिक तापमान पर गर्म न करें.

इन बातों का रखें ख्याल

अगर खाने पीने की चीज़ों को रखने के लिए प्लास्टिक के उत्पाद खरीद ही रहे हैं, तो कम से ये जांच ले कि उसमें आईएसआई का मार्क लगा हो. यह मार्क भारत सरकार द्वारा स्टैंडर्ड को बनाए रखने के लिए दिया जाता है, जिससे पता लगता है कि प्रॉडक्ट की क्वॉलिटी संतोषजनक है.  

English Summary: Is plastic a threat to your body know more about plastic food and health impacts Published on: 28 January 2021, 11:10 PM IST

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