आज के इस दौर में दिन प्रतिदिन विश्व में ऊर्जा की खपत बढती जा रही है, उसे देखते हुए वैज्ञानिक प्राक्रतिक उर्जा पर ज्यादा जोर दे रहें है. एक नए अध्ययन से पता चला है कि शोधकर्ताओं ने अब घास से एनर्जी बनाने में सफलता हासिल कर ली है। Royal Society journal Proceedings में छपे एक अध्ययन के मुताबिक कार्डिफ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने घास से हाइड्रोजन बनाने का रास्ता खोज लिया है। इसके लिए सिर्फ धूप और प्रभावी कैटेलिस्ट की आवश्यकता होगी।
हाइड्रोजन को भविष्य में काम आने वाली महत्वपूर्ण ऊर्जा के रूप में माना जाता है। क्योंकि दुनिया आने वाले समय में अब जीवाश्म ईंधन से रीन्यूबल एनर्जी की तरफ बढ़ रही है। और अब शोध से पता चलता है कि इसके लिए घास एक बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता है। दुनिया में लगभग सभी संसाधनों में हाइड्रोजन पाई जाती है जैसे पानी, कार्बनिक पदार्थ, आने वाले समय में इनसे ऊर्जा पैदा की जा सकती है। हालांकि, वैज्ञानिकों ने ये माना है कि इन सब का इस्तेमाल अभी प्रभावी तरीके से नहीं हो पाया है।
ग्रीन एनर्जी बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने जिस प्रोसेस को काम में लिया है उसे PHOTOREFORMING कहा जाता है। इस प्रोसेस में सूर्य के प्रकाश में एक कैटेलिस्ट की मदद से सेल्यूलोज को कार्बनिक कंपाउंड्स में बदल दिया जाता है जो कि हाइड्रोजन में बदल जाता है। इस प्रोसेस से बहुत ही सस्ते कैटेलिस्ट की मदद से हाइड्रोजन बनाई जा सकती है। इसके अलावा, बगीचे में पाई जाने वाली घास का असल में उपयोग किया जा सकता है।
यह पहली बार है कि इस तरह के कच्चे बायोमास को हाइड्रोजन में बदला जा रहा है क्योंकि इस प्रोसेस में सेलूलोज़ को कई स्टेज में साफ करने की आवश्यकता नहीं होती है। जो कि कठिन और महंगा दोनों होता है। अध्ययन के बाद हाइड्रोजन प्राप्त करने के इस स्थायी तरीके से आगे की रीसर्च के लिए दरवाजे खुल गए हैं। जो कि पर्यावरण के लिए अनुकूल माने जा रहा है।
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