
Health Tips: घी को भारतीय रसोई में विशेष स्थान प्राप्त है और आयुर्वेद में इसे ‘अमृत’ के समान माना गया है. इसमें मौजूद हेल्दी फैट्स और विटामिन्स न सिर्फ शरीर को पोषण देते हैं बल्कि पाचन तंत्र को सुधारने, इम्युनिटी बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होते हैं. लेकिन हर चीज की एक मर्यादा होती है और सही समय व सही संगत में ही उसका पूरा लाभ मिलता है. अक्सर लोग यह सोचकर घी का सेवन कर लेते हैं कि यह सेहत के लिए अच्छा है, लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता कि कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिन्हें घी के साथ खाना हानिकारक हो सकता है.
आयुर्वेद में कुछ खास खाद्य पदार्थों के संयोजन को वर्जित बताया गया है, जो शरीर में विषैले तत्व उत्पन्न कर सकते हैं. आइए जानते हैं ऐसी 5 चीजों के बारे में जिन्हें घी के साथ मिलाकर खाना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
इन चीजों का घी के साथ न करें सेवन
शहद और घी
शहद और घी दोनों ही सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं, लेकिन आयुर्वेद कहता है कि इन दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर कभी नहीं खाना चाहिए वो इसलिए जब शहद और घी समान मात्रा में मिलाए जाते हैं, तो यह शरीर में एक प्रकार का टॉक्सिक मिश्रण बनाते हैं.यह विष शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है और पाचन तंत्र में गड़बड़ी पैदा कर सकता है.
चाय या कॉफी के साथ घी
आजकल हेल्थ ट्रेंड्स में बुलेटप्रूफ कॉफी का नाम बहुत सुनाई देता है. जहां कॉफी में मक्खन या घी मिलाकर पिया जाता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर के अनुसार, चाय या कॉफी में घी मिलाकर पीने से कुछ लोगों को एसिडिटी, गैस, ब्लोटिंग या पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती है. खासकर जिन लोगों का पाचन कमजोर है. उनके लिए यह कॉम्बिनेशन नुकसानदेह हो सकता है.
दही और घी
दही और घी दोनों ही स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार इनकी तासीर एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होती है घी गर्म प्रकृति का होता है. जबकि दही ठंडी तासीर रखता है. जब ये दोनों एक साथ खाए जाते हैं, तो शरीर में वात और पित्त का असंतुलन हो सकता है. इससे अपच, एसिडिटी, गट बैक्टीरिया में असंतुलन और त्वचा की समस्याएं हो सकती है.
मछली और घी
मछली और घी को एक साथ खाना भी आयुर्वेद में विरुद्ध आहार माना गया है. यह कॉम्बिनेशन त्वचा और पाचन तंत्र पर बुरा असर डाल सकता है. दअरसल, मछली की तासीर ठंडी होती है और घी की गर्म जब ये एक साथ खाए जाते हैं, तो शरीर में टॉक्सिन बनने लगते हैं. यह मेलनिन प्रॉडक्शन को प्रभावित कर सकता है, जिससे स्किन एलर्जी, सफेद दाग (विटिलिगो) और डाइजेशन संबंधी समस्याएं हो सकती है.
दवाइयों या सप्लीमेंट्स के साथ घी
आयुर्वेदिक या एलोपैथिक दवाओं के साथ कुछ लोग घी का सेवन करते हैं, लेकिन यह हमेशा सुरक्षित नहीं होता घी में वसा घुलनशील विटामिन्स होते हैं, जो कुछ दवाओं के साथ मिलकर शरीर में उनकी अवशोषण प्रक्रिया को बदल सकते हैं. इससे दवा का असर कम या ज़्यादा हो सकता है और अगर आप किसी विशेष इलाज में है या कोई दवा ले रहे हैं, तो घी का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें.
लेखक: रवीना सिंह
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