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प्रतिदिन नौ तरह का प्लास्टिक ख़ाकर अपने लिवर को नुकसान पंहुचा रहा है मनुष्य

अभी हाल ही में मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ विएना और एनवायरमेंट एजेंसी ऑफ ऑस्ट्रिया के शोधकर्ताओं की तरफ से एक रिपोर्ट में बताया गया है की मानव अपने खाने पीने व् अन्य तरीको से लगभग 9 तरह के प्लास्टिक के कण अपने पेट में पंहुचा रहा है. इनमे से कुछ प्लास्टिक के कण मानव के शरीर से मल या मूत्र के रूप में बहार निकल जाते हैं लेकिन इसका बहुत सारे कण मानव शरीर में रह जाते हैं.

अभी हाल ही में मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ विएना और एनवायरमेंट एजेंसी ऑफ ऑस्ट्रिया के शोधकर्ताओं की तरफ से एक रिपोर्ट में बताया गया है की मानव अपने खाने पीने व् अन्य तरीको से लगभग 9 तरह के प्लास्टिक के कण अपने पेट में पंहुचा रहा है. इनमे से कुछ प्लास्टिक के कण मानव के शरीर से मल या मूत्र के रूप में बहार निकल जाते हैं लेकिन इसका बहुत सारे कण मानव शरीर में रह जाते हैं. ये बचे हुए कण मानव रक्त में मिलकर प्रवाहित होने लगते है. इस शोध में एक और बात बताई गई है कि कुछ लोगों के पेट से इंसानी बाल की मोटाई से तीन गुणा छोटे कण मिले हैं जो धूल और सिंथेटिक कपड़ों के जरिए सांस लेने पर शरीर में पहुंच जाते हैं.

पेट बना प्लास्टिक का भंडार

मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ विएना और एनवायरमेंट एजेंसी ऑफ ऑस्ट्रिया में ब्रिटेन, फिनलैंड, इटली, नीदरलैंड, पोलैंड, रूस और ऑस्ट्रिया के आठ शाकाहारी और मांसाहारी भोजन लेने वाले लोगों को शामिल किया गया था. इन सभी लोगो में बहुत से प्रकार के प्लास्टिक के कण मिले हैं. प्लास्टिक के कणों से जल और वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है. आपको बता दें की वॉशिंग मशीन में एक बार कपड़े धोने पर लगभग सात लाख प्लास्टिक फायबर के कण वतावरण में शामिल हो जाते हैं.

अगर शोधकर्ताओं के अनुसार प्लास्टिक की पानी की बोतल, खाने में प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल, खाना रखने के डिब्बे, डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ और मछलियों के माध्यम से मानव सैकड़ो कण अपने पेट में पंहुचा रहा है. साथ ही धूल और सिंथेटिक मटेरियल के कपड़ों से प्लास्टिक फायबर सांस लेने पर इंसान के शरीर में पहुंच जाता है.

रोग प्रतिरोधक क्षमता को करता है प्रभावित

जब प्लस्टिक के कण शरीर में रह जाते हैं तो ये मानव रक्त के साथ प्रवाहित होने लगते है. अब ये प्लस्टिक के कण रक्त के साथ लसीका तंत्र और लीवर तक पहुंचते है जो अब वहां जा कर मानव के रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करते हैं. विषाक्त पदार्थ शरीर में जमा कर सकते हैं. आंतों और पेट की बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए ये प्लास्टिक और भी ज्यादा खतरनाक होता है.

प्लस्टिक खाद्य पदार्थो के पैकिंग में होता है प्रयोग

पॉलीप्रोपाइनलीन और पॉलीथीनटेरेफेथलेट ये प्लास्टिक के कण हैं जो आम तौर पर मानव के पेट में पाए जाते हैं और यही दोनों प्रकार के प्लस्टिक मानव के खाद्य पदार्थो के पैकिंग में उपयोग होते हैं. शोध में ये कण 50 से 500 माइक्रोमीटर आकार के पाए गए. इंसान के बालों की मोटाई 17 से 181 माइक्रोमीटर होती है.

प्रभाकर मिश्र, कृषि जागरण

English Summary: Every day nine types of plastic are harming their liver. Published on: 31 October 2018, 10:52 AM IST

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