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दरअसल, हमारे शरीर में कई प्रकार के पदार्थ मौजूद होते हैं, जो कि हमारे खून को सही तरीके से संचालित करने में सहायक होते हैं. इन्हीं पदार्थों में से एक शुगर है, जिसमें गड़बड़ी होने से हमें डायबिटीज की समस्या हो जाती है. डायबिटीज के बारे में विस्तार से बात करें, तो यह एक लाइलाज बीमारी है, जिसका अभी तक कोई सम्पूर्ण इलाज नहीं है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, इस बीमारी के पीछे का कारण बिगड़ी हुई जीवनशैली और खानपान है.
हेल्थ एक्स्पर्ट का यह भी मानना है कि जीवनशैली और खानपान में बदलाव करके इस बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है. साथ ही उम्र के हिसाब से लोगों के शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बदलता रहता है. तो आइए जानते हैं कि किस उम्र में कितना ब्लड शुगर का स्तर होना चाहिए.
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50 से 60 वर्ष के लोगों का ब्लड शुगर लेवल
विशेषज्ञों के अनुसार 50-60 साल की उम्र के लोगों के ब्लड शुगर लेवल की अगर बात करें, तो सामान्य रूप से इसका स्तर 90 से 130 mg/dL होना चाहिए. वहीं लंच के बाद 140 mg/dl और डिनर के बाद 150 mg/dl का ब्लड शुगर लेवल होना जरूरी है.
60 वर्ष के ऊपर के लोगों का ब्लड शुगर लेवल
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, वरिष्ठ लोगों में ब्लड शुगर लेवल 90 से 130 mg/dL के बीच और सोते समय ब्लड शुगर का स्तर 150 mg/dL से अधिक नहीं होना चाहिए.
ब्लड शुगर बढ़ने पर होने वाली समस्याएं
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ब्लड शुगर का स्तर ज़्यादा बढ़ जाने पर व्यक्ति को थकावट, तनाव, सिर दर्द, आंखों की रोशनी धुंधली होना, वजन घटना, ध्यान केंद्रित न कर पाना, लगातार पेशाब आना, बार-बार प्यास लगना और सिर दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं. साथ ही ज़्यादा खतरनाक स्थिति में तो दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक, किडनी फेलियर और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा भी बढ़ जाता है.
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