
भारत में कई तरह के बेहतरीन पेड़- पौधे पाए जाते हैं, जिनका इस्तेमाल आज के समय में दवाइयों से लेकर घरों में फर्नीचर बनाने में भी किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसे ही कुछ पेड़ हैं, जो सालभर मुनाफे का सौदा होते हैं, जिन्हें सदाबहार पेड़ कहां जाता है. इन्हीं पेड़ों में सबसे अधिक अशोक का पेड़ प्रचलित है, जो हर एक सदाबहार वृक्ष है, जो हर मौसम में हरा भरा रहता है ,जिसे हेमपुष्प भी कहा जाता है. इसके फूल नारंगी -पीले रंग के होते हैं, जो बाद में लाल रंग के हो जाते हैं.
वही, अशोक पेड़ के विभिन्न भागों में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि इसका इस्तेमाल पेट कि प्रॉब्लम, दर्द सूजन और स्किन जैसी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है. आइए इस पेड़ से जुड़े अन्य औषधीय गुणों के बारे में जानते हैं.
यह पेड़ कई रोगों से लड़ने में करता है मदद
1 . स्त्री रोग संबंधी (Gynecological)
अशोक के पेड़ की जड़ी बूटिया महिलाओं के होने वाले मासिक धर्म पेट दर्द और अन्य ऐंठन से छुटकारा दिलाने में मदद करता है. यह फाइब्रॉएड, सिस्ट और अन्य संबंधित विकारों के इलाज में भी मदद करता है. सही मायने में देखा जाए तो अशोक का पेड़ एक औषधीय वृक्ष है.
2. त्वचा की रक्षा (Skin Protection)
अशोक की छाल के रस में सरसों को पीसकर लेप तैयार कर लें और इस लेप को दिन में दो बार इस्तेमाल करें. अशोक के पेड़ की छाल स्किन की हर तरह से रक्षा करती है. त्वचा की जलन और अन्य स्किन की होनी वाली बीमारियों से बचाती है.
3.पेट की सूजन से निजात (Relief from Stomach Bloating)
अक्सर हमे पेट की समस्याओ का सामना करना पड़ता है. जैसे पेट में सूजन, दर्द ,पेट में कीड़े आदि. अशोक के पेड़ की छाल और पतियों का सेवन,पेट में सूजन कीड़े जैसी पेरशानियों से छूटकारा दिला सकते हैं और अशोक की छाल में एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल जैसे गुण भी होते हैं. जो पेट की सूजन से निजात दिलाते हैं.
4. बवासीर और मधुमेह (Piles and diabetes)
अशोक के फूल भी मधुमेह जैसी बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल में किए जाते हैं. साथ ही अशोक से तैयार हर्बल सप्लीमेंट बवासीर के इलाज में भी मदद करते हैं. इस पेड़ की छाल का काढ़ा बवासीर के इलाज में भी काफी असरदार साबित होता है.
नोट: ध्यान रहे कि अगर आप अशोक के पेड़ से जुड़े नुस्खों/Remedies Related to Ashoka tree को अपना रहे हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें. ताकि आपको आगे चलकर किसी परेशानी का सामना न करना पड़े.
लेखक: रविना सिंह
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