खेती के लिए बहुत सी फसलों को हम मौसम के अनुसार उत्पादित करते हैं. आजकल लगभग सभी औषधीय पौधे फसल के रूप में बाजार में बिकते हैं. लेकिन इनमें से कुछ पौधे ऐसे भी होते हैं, जिन्हें आप औषधी के रूप में बेचें तो वह आपको और अधिक मुनाफा दे सकते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही औषधीय पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं जो भारत में कई तरह से प्रयोग में लाया जा रहा है और उससे लोग अच्छी कमाई कर रहे हैं. तो, आइये उसपर एक नजर डालें.
यह है औषधीय पौधे का नाम
सोंठ एक प्रमुख औषधीय पौधा है. जिसका वैज्ञानिक नाम "जिंजीबर ऑफीशिनाले" (Zingiber officinale) है. सोंठ की जड़ें बड़ी उपयोगी होती हैं. इसे प्राकृतिक रूप से दक्षिण एशिया में पाया जाता है. आयुर्वेदिक औषधि बनाने में सोंठ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. सोंठ की जड़ों को सूखाकर पीसा जाता है और पाउडर के रूप में उपयोग किया जाता है. इसका रस, तेल और नक्कली भी बनाई जाती है. सोंठ में कुछ मुख्य औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिनमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटीइन्फ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल, पाचन क्रिया संबंधी गुण और शांतिदायक गुण शामिल होते हैं. आमतौर पर, सोंठ का उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं, उच्च रक्तचाप, अल्सर, जोड़ों के दर्द और गठिया के लिए किया जाता है. इसके अलावा, सोंठ का उपयोग गले में खराश, साइनस की समस्याएं, श्वासनली की समस्याएं और शरीर की कमजोरी को दूर करने के लिए भी किया जाता है.
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ऐसे होती है सोंठ की खेती
सोंठ की खेती के लिए लोमदार मिट्टी का चयन करना होता है. मिट्टी नमी वाली होनी चाहिए. सोंठ की खेती के लिए मिट्टी में रेत मिलाने से भी लाभ होता है. सोंठ मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय पौधा होता है और उच्च गर्म मौसम में अच्छे रूप से विकसित होता है. यह पौधा 20-30 डिग्री सेल्सियस के बीच के तापमान में तेजी से वृद्धि करता है. इसके लिए जलवायु में उच्च नमी और धूप की अच्छी मात्रा उपयुक्त होती है. सोंठ की खेती के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का उपयोग करें. बीज को विशेषज्ञ किसानों, कृषि विभाग या बीज उत्पादक कंपनियों से खरीदा जा सकता है.
एक एकड़ में कितना मिलेगा उत्पादन
एक एकड़ में प्राप्त होने वाली सोंठ की मात्रा कई चीजों पर निर्भर करेगी. जैसे कि उत्पादकता, प्रबंधन तकनीक, फसल की प्रकृति, औषधीय गुणवत्ता आदि. सोंठ की खेती में अच्छे बीज व आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने से पैदावार ज्यादा मिल सकती है. आमतौर पर एक एकड़ में सोंठ की पैदावार 4,000 से 6,000 किलोग्राम तक हो सकती है. हालांकि, यह संख्या विभिन्न क्षेत्रों अलग-अलग हो सकती है. बाजार में सोंठ का अच्छा भाव मिल जाता है. इससे हर साल एक एकड़ खेती में लगभग तीन से चार लाख रुपये की कमाई की जा सकती है.
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