भारतीय संस्कृति में कई ऐसे चमत्कारिक औषधीय पौधों के बारे में सुनने और पढ़ने को मिलता है, जिनका हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है. एक ऐसी ही जड़ी-बूटी है, जिसको खाने से जब तक उसका असर रहता है, तब तक व्यक्ति गायब रहता है. एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसका सेवन करने से व्यक्ति को भूत-भविष्य का ज्ञान हो जाता है.
कुछ ऐसे भी पौधे होते हैं, जिनके बल पर स्वर्ण बनाया जा सकता है. इसी तरह धनवान बनाने वाले पौधे भी है. आज हम आपको एक ऐसे ही पौधे की जानकारी देने वाले हैं, जो कि सोने के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस पौधे का नाम तेलिया कंद है. आइए आपको इस पौधे की बारे में विस्तार से बताते हैं.
क्या है तेलिया कंद पौधा (What is Teliya Kand Plant)
इस पौधे की जड़ों से तेल का रिसाव होता रहता है, इसीलिए इसे तेलिया कंद कहा जाता है. माना जाता है कि यह पौधा सोने के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह किसी विशेष निर्माण विधि से पारे को सोने में बदल सकता है, लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है यह कोई नहीं जानता है. हालांकि, बताया जाता है कि इसका मुख्य गुण सांप के जहर को काटना है.
तेलिया कंद पौधे की पहचान (Teliya Kand Plant Identification)
इस पौधे की पहचान यह है कि इसके कंद को सूई चुभो देने भर से ही तत्काल वह गलकर गिर जाता है. इसका कंद शलजम की तरह दिखाई देता है. यह पौधा सर्पगंधा से मिलते-जुलते पत्ते जैसा होता है. कहा जाता है कि तेलिया कंद का पौधा 12 वर्ष उपरांत अपने गुण दिखाता है. हर वर्षाकाल में इसका पौधा जमीन से फूटता है और वर्षाकाल खत्म होते ही समाप्त हो जाता है.
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इस दौरान कंद जमीन में ही सुरक्षित बना रहता है. इस तरह जब 12 वर्षाकाल का चक्र पूरा हो जाता है, तब यह पौधा अपने चमत्कारिक गुण दिखाने लगता है. बता दें कि इस पौधे के आस-पास की जमीन पूर्णत: तेल में लबरेज होती है.
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