ऐरोकेरिया के पेड़ दक्षिण अमेरिका के मूल निवासी हैं. चिली, अर्जेंटीना और ब्राजील जैसे देशों में ज्यादा पाए जाते हैं हालांकि भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में भी उगाए जाते हैं. कई क्षेत्रों में धीमी गति से बढ़ने वाले ऐरोकेरिया का पौधा अक्सर एक जीवित क्रिसमस ट्री के रूप में उगाया जाता है, जिसे अक्सर रिबन या फिर गहनों से सजाया जाता है.
जो एक लोकप्रिय सजावटी पेड़ है इसकी लंबाई, शंक्वाकार आकृति और सममित शाखाओं के लिए इसे जाना जाता है. जबकि बुन्या पाइंस बड़े खाद्य बीजों का उत्पादन करता है जो स्वदेशी आस्ट्रेलियाई लोगों के लिए बहुत कीमती होते हैं. इसके अलावा हूप पाइंस का उपयोग वानिकी और इमारती लकड़ी के उत्पादन में होता है और कुक पाइंस अक्सर भूनिर्माण में उपयोगी होता है दुनिया के कुछ हिस्सों में क्रिसमस ट्री के रूप में लोकप्रिय है. ये ऐरोकेरिया की अलग-अलग किस्मों की खासियत है जिसकी वजह से इस पौधे को तब्बजों दी जाती है आईये जानते हैं इस पौधे को उगाने का तरीका
मिट्टी का चयन- ऐरोकेरिया एक अम्ल-प्रेमी पौधा है. इनडोर पौधों के लिए पीट-आधारित पॉटिंग मिश्रण एकदम सही होता है, क्योंकि पीट के टूटने पर मिश्रण धीरे-धीरे अम्लीकृत हो जाता है, जब बगीचे में बाहर लगाया जाता है तो यह पेड़ रेतीली समृद्ध मिट्टी को तरजीह देता है.
तापमान- ऐरोकेरिया का पौधा 65-70 डिग्री फारेनहाइट के बीच गर्म और आर्द्र जलवायु पसंद करता है. हालांकि थोड़े समय के लिए ठंडे और गर्म तापमान में भी जीवित रह सकते हैं लेकिन 35 डिग्री फारेनहाइट से कम तापमान का अनुभव करने पर नष्ट हो सकते हैं. इनडोर पौधों के लिए नमी बनाए रखने में मदद करने के लिए स्प्रे बोतल से पौधे को नियमित रूप से धुंध दें या पानी के तश्तरी के ऊपर रखें, हालांकि पौधा अधिकांश उपोष्णकटिबंधीय पौधों की तुलना में शुष्क इनडोर हवा के लिए अधिक क्षमाशील है.
बीज से ऐरोकेरिया का पौधा लगाने का तरीका- 6X6 इंच साइज के गमले या ग्रो बैग में क्रिसमस ट्री के 5-6 बीजों को लगा सकते हैं, अधिक चौड़ाई वाले गमले में भी 1 इंच की दूरी पर बीजों को लगाया जा सकता है लेकिन गमले की गहराई 4-6 इंच होना चाहिए, गमले में 50% मिट्टी, 30% खाद और 20% रेत मिलना चाहिए. अब बीजों के नीचे की तरफ वाले संकरे हिस्से को मिट्टी में लगाएं और बीज के ऊपरी थोड़े से हिस्से को मिट्टी के ऊपर ही रहने दें बुवाई के 2 महीने बाद सीडलिंग को बड़े गमले में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं.
कटिंग से ऐरोकेरिया का पौधा लगाने का तरीका- कटिंग को लगाने के लिए 9×9 इंच का गमला अच्छा रहता है. गमले की मिट्टी में 2 इंच गहरा छेद करना चाहिए. फिर प्रूनर या चाकू की मदद से एरोकेरिया पौधे की पेंसिल जितनी मोटाई की 6- 8 इंच लम्बी कटिंग कर लें अब कटिंग के निचले 2 इंच के हिस्से पर मौजूद नुकीली पत्तियों को ब्लेड की मदद से हटाएं फिर इस हिस्से को रूटिंग हार्मोन जैसे शहद या एलोवेरा के रस में डुबोएं. रूटिंग हर्मोन लगाने के बाद क्रिसमस ट्री की कटिंग को गमले की मिट्टी में 2 इंच गहराई पर लगाएं फिर मिट्टी के ऊपर पानी छिड़क दें.
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धूम की जरुरत- सर्दियों में गमले के पौधे को घर के अंदर रखना चाहिए फिर गर्मी आने पर बाहर धूप वाली जगह पर रखें. ध्यान रहे कि पौधे को सूर्य के प्रकाश तक अधिक पहुंच न हो सके. इसे बार-बार घुमाने से मदद मिलती है क्योंकि हर तरफ समान रोशनी पहुंचती है.
सिंचाई- ऐरोकेरिया का पौधा कुछ हद तक सुखा-सहिष्णु होता है इसको लेकर सलाह दी जाती है कि पानी के बीच मिट्टी को थोड़ा सूखने देना चाहिए. सुइयों पर नज़र रखें, यदि सुइयां पीली हो जाती हैं तो पौधे को अधिक पानी की जरुरत होती है.
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