आजकल हर्बल और ऑर्गेनिक चीजों की डिमांड काफी बढ़ गई है. खासतौर पर औषधीय गुणों (Medicinal Plants ) वाली प्राकृतिक चीजों की. प्राचीन समय से दवाओं में आयुर्वेद का उपयोग होता है, लेकिन अब एलोपैथ में भी कुछ दवाओं का निर्माण जड़ी-बूटियों से निकले केमिकल द्वारा किया जा रहा है. इस कारण जड़ी-बूटियों की अधिक बढ़ गई है. अगर आप भी किसी तरह की खेती करना चाहते हैं, तो शतावरी की खेती (Shatavari Crop) एक बेहतरीन विकल्प है. बाजार में इसकी डिमांड अच्छी होती है, साथ ही कीमत भी काफी अच्छी मिलती है.
इतने दिन में तैयार होगी फसल
शतावरी की फसल लगभग डेढ़ साल यानी 18 महीने में तैयार हो जाती है. इस दौरान पौधे की जड़ बन जाती है, जिसके बाद इसको सुखाना होता है. बता दें कि इसकी जड़ पर दवा की गुणवत्ता निर्भर होती है, इसीलिए इसकी खेती में किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. इसकी खेती में एक और बात का ध्यान रखना होता है कि जड़ को सुखाने पर यह लगभग 1 तिहाई रह जाती है. यानी अगर आप 10 क्विंटल शतावरी उगाते हैं, तो यह बेचते समय केवल 3 क्विंटल ही रह जाती है.
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कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक...
अगर एक एकड़ में शतावरी की खेती करते हैं, तो इससे लगभग 20 से 30 क्विंटल की पैदावार प्राप्त हो सकती है. बाजार में इसकी कीमत 50 से 60 हजार रुपए तक मिल जाएगी. बता दें कि आप 1 एकड़ जमीन पर शतावरी की 20 से 30 क्विंटल फसल उगा सकते हैं.
अच्छी होगी कमाई
अगर आप शतावरी की 30 क्विंटल तक फसल बेचते हैं, तो 7 से 8 लाख रुपए का मुनाफ़ा आसानी से कमा सकते हैं. जानकारी के लिए बता दें कि शतावरी के बीज और बाकी खर्चों पर लगभग 50 से 60 हजार रुपए की लागत लगती है.
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