
Sweet Flag Cultivation
स्वीट फ्लैग या बच एक औषधीय पौधा है जिसकी खेती भारत में हिमालय, मणिपुर और नागा हिल्स की झीलों तथा नदियों के किनारे की जाती है. इसका उपयोग बड़े स्तर पर आयुर्वेदिक दवाईयों के निर्माण में किया जाता है. भारत के अलावा स्वीट फ्लैग की खेती हालैंड, बर्मा, उत्तरी अमेरिका तथा यूरोप के कई देशों में की जाती है. इस औषधीय पौधे की लंबाई 2 मीटर तथा पत्तियां तलवार के आकार की होती है. यह पेट की बीमारियों, बुखार, अनिद्रा, पाचन क्रिया को बढ़ाने समेत कई रोगों के निदान में उपयोगी है. तो आइये जानते हैं स्वीट फ्लैग की खेती कैसे करें.
स्वीट फ्लैग की खेती के लिए जलवायु तथा मिट्टी
इसकी खेती के लिए 10 से 38 डिग्री सेल्सियस तापमान उचित माना जाता है. जलोढ़, रेतीली और चिकनी में मिट्टी में इसकी अच्छी पैदावार मिलती है. स्वीट फ्लैग की खेती लिए मिट्टी का अम्लीय और क्षारीय पीएचमान 5 से 7 होना चाहिए.
स्वीट फ्लैग की खेती के लिए खेत की तैयारी
इसकी खेती के लिए जल जमाव वाली भूमि उत्तम मानी जाती है. बिजाई या रोपाई से पहले खेत में पलेवा कर लें जिसके बाद मिट्टी की जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लें. जिसके बाद खेत में गोबर और हरी खाद डालकर खेत में क्यारियां बना लें.
स्वीट फ्लैग की खेती के लिए रोपाई
स्वीट फ्लैग को सीधे बीजों या गांठों के जरिए लगाया जा सकता है. खेत में गांठों को छोटे टुकड़ें करने के बाद ही रोपाई करें. वहीं बीजों को सीधे खेत में बोया जा सकता है जिसमें दो सप्ताह बाद अंकुरण हो जाता है. कतार से कतार और पौधे से पौधे की दूरी 30 सेंटीमीटर रखना चाहिए. जुलाई से अगस्त महीने में स्वीट फ्लैग की खेती की जाती है.
स्वीट फ्लैग की खेती के लिए खाद एवं उर्वरक
इसकी अच्छी पैदावार के लिए तैयार किए गए खेत में 60 क्विंटल गोबर खाद डालें. इसके अलावा प्रति एकड़ नाइट्रोजन 18 किलो, फास्फोरस 5 किलो और पोटाश 5 किलो डालना चाहिए. नाइट्रोजन को तीन बराबर भागों में बांटकर पहली खुराक फास्फोरस और पोटाश के साथ रोपाई के समय दें.
स्वीट फ्लैग की खेती के लिए खरपतवार नियंत्रण
फसल में खरपतवार के नियंत्रण के लिए समय-समय पर निराई गुड़ाई करना चाहिए.
स्वीट फ्लैग की खेती के लिए सिंचाई
बरसात में इसमें सिंचाई करने की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन गर्मी के दिनों में सप्ताह में एक या दो सिंचाई जरूर करें. वहीं सर्दियों के दिनों में 10 से 12 में सिंचाई करना चाहिए.
स्वीट फ्लैग की फसल कटाई और पुटाई
जब फसल पीली पड़ने लगे तब इसकी कटाई करना चाहिए. दरअसल, 6 से 8 महीने में स्वीट फ्लैग पककर तैयार हो जाती है. फसल को खेत में अच्छी तरह सूखा लेना चाहिए ताकि इसकी पुटाई सरलता से हो सके. अच्छी तरह सूखने के बाद फसल की पुटाई करके गांठों को अलग निकाल लिया जाता है. जिसकी दो तीन पर कुटाई करके मिश्रण बना लें. इसी मिश्रण को बाजार में बेचा जाता है जिससे तेल, पाउडर और आर्क तैयार किया जाता है.
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