भारतीय प्राचीन चिकित्सा पद्धति में बहुत से फूलों को कुदरती इलाज माध्यम माना गया है. इन फूलों में बहुत से फूल ऐसे भी हैं, जिनका उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में किया जाता रहा है. उदाहरण के लिए गुड़हल के फूल को ही ले लीजिए. चलिए आपको इस पौधे के बारे में विस्तार से बताते हैं.
इन मिट्टी में होती है खेती
इस फूल की खेती के लिए दोमट मिट्टी को उत्तम माना गया है. हालांकि इसकी खेती चिकनी मिट्टी या लाल मिट्टी में भी खूब होती है.
गुड़हल की किस्में
इस फूल की बहुत सी प्रजातियां बाजार में आपको बहुत आसानी से मिल जाएंगी, लेकिन अगर सबसे फायदेमंद प्रजातियों की बात करें तो उसमें देशी बेंगलुरु गुड़हल, कोलकाता गुड़हल, इंग्लिश गुड़हल और अमरीकन गुड़हल का नाम आता है.
हर जगह लग सकता है पौधा
इन पौधों को खेती की जगह खुद के लिए लगाना चाहते हैं, तो कहीं भी लगा सकते हैं. घर-आंगन या गमलों में भी इसे आसानी से लगाया जा सकता है. इन्हें अधिक खाद की जरूरत नहीं होती, इसलिए ये आसानी से उगने में हर जगह सक्षम होते हैं.
पौधों के लिए धूप जरूरी
इस पौधे के फूल धूप में अधिक बेहतर खिलते हैं. इनके विकास में धूप उपयोगी है. इसलिए जहां तक हो सके, इन्हें ऐसी जगह लगाएं, जहां अच्छी धूप आती हो.
जलवायु
इन पौधों को लगाने के लिए सामान्य जलवायु का होना जरूरी है. अधिक गर्मी या अधिक सर्दी में ये खराब हो जाएंगें. फरवरी से मार्च के महीने में इसे आराम से लगाया जा सकता है.
फायदें
गुड़हल के फूल किसी औषधी की तरह शरीर को फायदा पहुंचाते हैं. इसमें विटामिन सी, एंटी-ऑक्सीडेंट, मिनरल, फाइबर और आयरन के गुण पाए जाते हैं.
अलसर करता है ठीक
कई लोगों को मुंह में छालों की समस्या बार-बार होती है, ऐसे में वो गुड़हल के पत्तों को चबा सकते हैं. इससे छालों से होने वाले दर्द में आराम मिलता है और वो जल्दी ठीक होते हैं.
पिंपल्स का दुश्मन
अगर आपको पिंपल्स की परेशानी है, तो बस गुड़हल के फूलों को पीसकर उसका लेप तैयार करें और रात के समय सोने से पहले चेहरे पर लगाएं. आप चाहें तो इसमें थोड़ा सा शहद मिला सकते हैं. कुछ ही दिनों में पिंपल्स खत्म हो जाएंगें.
डैंड्रफ पर वार
डैंड्रफ के खिलाफ जंग में गुड़हल आपका अच्छा साथी हो सकता है. इसकी पत्तियों और फूलों की पंखुड़ियों को पीसकर बालों में लगाएं, इससे यह किसी कंडीशनर की तरह काम करते हुए डैंड्रफ को साफ कर देगा.
थकान करे दूर
ऑफिस के काम के बाद कई लोगों को मानसिक थकान होती है, ऐसे में वो गुड़हल के लेप को माथे पर लगा सकते हैं. इसके लेप को लगाकर कुछ देर ध्यान करें, आपको शांति का अनुभव होगा.
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