हम सभी औषधीय पौधों का उपयोग अपनी दैनिक जीवन में आने वाली समस्याओं में करते ही रहते हैं. इन्हीं में एक औषधि ऐसी भी है जो हम सभी के घरों में पाई जाती है, जिसका नाम हल्दी होता है. हम सभी पीली हल्दी के तो हजारों गुणों के बारे में जानते हैं लेकिन हम उससे भी ज्यादा गुणकारी काली हल्दी के बारे में आपको बताने जा रहे हैं.
काली हल्दी की फसल के लिए सही मौसम और मिट्टी
काली हल्दी (Black Turmeric) एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है और इसकी खेती कृषि के माध्यम से की जा सकती है. इसकी खेती के लिए लोमदार, नीले या काले मिट्टी उच्च मात्रा में रेत और खाद युक्त मिट्टी आपकी फसल के लिए ज्यादा सही होती है. काली हल्दी के लिए सबसे अच्छा मौसम मई-जून का होता है. इसकी खेती के लिए बीजों को लगभग 5-10 सेमी गहराई और 30-45 सेमी दूरी पर बोया जाता है. इस फसल को नियमित रूप से सिंचाई की आवश्यकता होती है. फसल को सुरक्षित रखने के लिए कीटनाशक और खादों का उपयोग करें, जैसे कि वेर्मीकम्पोस्ट, जीवामृत आदि, ताकि पौधे को पोषण मिले और रोगों से बचाव हो.
किन कामों में आती है काली हल्दी
आयुर्वेदिक चिकित्सा: काली हल्दी आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग होती है और विभिन्न रोगों के इलाज में मदद कर सकती है. इसकी जड़ों, रेतीले भागों और रेशों का उपयोग दर्द निवारण, सूजन कम करने, स्वास्थ्य सुधारने और शारीरिक संतुलन को बढ़ाने के लिए किया जाता है.
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गार्डनिंग के लिए: काली हल्दी की जड़ें और पौधे शौक बागवानी और गार्डनिंग में उपयोगी हो सकते हैं. इसकी अद्वितीय रंगीनी और आकर्षक जड़ें पौधे को आकर्षक बनाती हैं.
खाद्य और पेय: काली हल्दी को खाद्य और पेय के उत्पादों में भी उपयोग किया जाता है. इसकी जड़ें और पौधे खाद्य मसालों, टी, स्मूदी और विभिन्न व्यंजनों को रंग, स्वाद और औषधीय गुण प्रदान करने के लिए उपयोग किए जाते हैं.
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पूजा और धार्मिक आयोजन: काली हल्दी को धार्मिक आयोजनों, पूजा और धार्मिक उपचारों में भी महत्वपूर्ण माना जाता है. इसे पूजा सामग्री और तिलक के रूप में उपयोग किया जाता है. काली हल्दी आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग होती है और विभिन्न रोगों के इलाज में मदद कर सकती है. इसकी जड़ों, रेतीले भागों और रेशों का उपयोग दर्द निवारण, सूजन कम करने, स्वास्थ्य सुधारने और शारीरिक संतुलन को बढ़ाने के लिए किया जाता है.
शौक और गार्डनिंग: काली हल्दी की जड़ें और पौधे शौक बागवानी और गार्डनिंग में उपयोगी हो सकते हैं. इसकी अद्वितीय रंगीनी और आकर्षक जड़ें पौधे को एक आकर्षक दृश्य प्रदान करती हैं.
खाद्य और पेय: काली हल्दी को खाद्य और पेय के उत्पादों में भी उपयोग किया जाता है. इसकी जड़ें और पौधे खाद्य मसालों, चाय, टी, स्मूदी और विभिन्न व्यंजनों को रंग, स्वाद और औषधीय गुणों से युक्त करने के लिए उपयोग किए जाते हैं.
इतना ही नहीं अगर आप इसका प्रयोग बाज़ार में बेचने या इसके बने उत्पादों को बाज़ार में बेचने का काम करते हैं तो भी यह आपको बहुत मोटा मुनाफ़ा दे सकते हैं.
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