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वैज्ञानिकों ने ईजाद की जैस्मिन की नई किस्म

तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय ने इस वर्ष जनवरी माह में परंपरागत जथी मल्ली फूल यानि जैस्मिनम ग्रैंडफ्लोरम के विकल्प के रुप में, वैज्ञानिक तकनीक से तैयार तारा रूपी चमेली के फूल को जारी किया है.

मनीष कुमार भंभानी
मनीष कुमार भंभानी

तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय ने इस वर्ष जनवरी माह में परंपरागत जथी मल्ली फूल यानि जैस्मिनम ग्रैंडफ्लोरम के विकल्प के रुप में, वैज्ञानिक तकनीक से तैयार तारा रूपी चमेली के फूल को जारी किया है. जिसे अंग्रेजी भाषा में स्टार जैस्मिन का नाम दिया गया है. जथी मल्ली फूलों का प्रयोग मंदिरों में होने वाले अनुष्ठानों में अत्याधिक रुप से किया जाता है. जिसके कारण  सर्दियों(नवंबर से लेकर फरवरी माह तक ) में जति मल्ली फूल की कीमतें बढ़ जाती हैं. साथ ही ऑफ सीज़न होने के कारण इनकी उपलब्धता में भी कमी आ जाती है. इसी समस्या का समाधान ढ़ूंढते हुए तमिलनाडु  कृषि विश्वविद्यालय ने चमेली के फूल की नई क़िस्म को विकसित किया है. जिसकी खेती पूरे वर्ष की जा सकती है. साथ ही इसकी उपलब्धता सालभर रहती है.   हालांकि, स्टार जैस्मिन जथी मल्ली फूल से थोड़ा अलग दिखता है. जब यह फूल खिलता है, तो इसकी पंखुड़ी सफेद होती हैं.  लेकिन पारंपरिक चमेली के फूल की तुलना में वे अधिक पतली, लंबी और फैली हुई होती हैं.

जहां  एक ओर जथी मल्ली फूल 2-3 घंटों में सूखना शुरु कर देते हैं वहीं उनकी अपेक्षा स्टार जैस्मिन 4-5 घंटों में नहीं सूखते. ”टीएनएयू के बागवानी विभागाध्यक्ष,  एल. पुगझेंधी ने बताया कि "स्टार जैस्मिन को तोड़ने के बाद इनकी कोपल को 12 घंटों तक  कमरे के तापमान पर खुले में और 60 घटों तक रिफ्रेजरेटर में रखा जा सकता है."  स्टार जैस्मिन की खुशबू पारंपरिक जैस्मिन की तुलना में मामूली है. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए  एल. पुगझेंधी कहते हैं कि  "इस नई किस्म को सामान्य जथी मल्ली फूल की माला में जथी मल्ली के जगह पर प्रयोग किया जा सकता है. इस्तेमाल के बाद भी इनकी खुशबू और रूप पहले की तरह समान रहता है. अपने मज़बूत तने  और लंबी कलियों के कारण इसे फूल मालाओं में डालना बेहद आसान हो जाता है इसलिए यह काफी किफायती है. चमेली के फूल की यह किस्म सभी प्रकार की लाल और काली मिट्टी के लिए उपयुक्त है. वैज्ञानिकों का कहना है कि जथी मल्ली फूलों की अपेक्षा स्टार जैस्मिन को कम पानी में उगाया जा सकता है. साथ ही ये सूखे और अकाल से जल्दी प्रभावित नहीं होती.

विभागाध्यक्ष ने बताया कि विश्वविद्यालय के भीतर फील्ड ट्रायल के दौरान, स्टार जैस्मिन की पैदावार 2.21किग्रा प्रति पौधा और औसतन 7.41 टन प्रति हेक्टेयर दर्ज की गई. जोकि जथी मल्ली फूल की पैदावार, लगभग 10.83 टन प्रति हेक्टेयर से कम है.  लेकिन स्टार जैस्मिन फूल की खास बात यह है कि जहां सर्दियों में जेथा मल्ली की अनुउपलब्धता बढ़ जाती है वहीं दूसरी ओर स्टार जैस्मिन सर्दियों में  भी उपलब्ध रहेगा.

English Summary: tnau discover the new star jasmine variety Published on: 25 April 2019, 05:55 IST

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