1. Home
  2. बागवानी

केले की फसल में इस पोषक तत्व की कमी से घटेगी पैदावार, जानें लक्षण और उपाय!

Banana Farming Tips: केले की फसल से बेहतर पैदावार प्राप्त करने के लिए किसानों के लिए इसकी फसल में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की पूर्ती करनी होती है. केला की खेती के लिए पोटेशियम एक विशेष पोषक तत्व माना जाता है, इसकी कमी होने पर केले की अच्छी उपज नही मिल सकती है.

डॉ एस के सिंह
डॉ एस के सिंह
केले की फसल में इस पोषक तत्व की कमी से घटेगी पैदावार (Picture Source - Agritech)
केले की फसल में इस पोषक तत्व की कमी से घटेगी पैदावार (Picture Source - Agritech)

Potassium Management of Banana: भारत के अधिकतर किसान कम समय में अच्छी कमाई के लिए पांरपरिक खेती से हटकर गैर-पांरपरिक खेती करना पंसद कर रहे हैं. ज्यादातार किसान केले की खेती कर रहे हैं और कम लागत में अच्छा-खासा मुनाफा भी कमा रहे हैं. केले की फसल से बेहतर पैदावार प्राप्त करने के लिए किसानों के लिए इसकी फसल में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की पूर्ती करनी होती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, केला की खेती के लिए पोटेशियम एक विशेष पोषक तत्व माना जाता है, इसकी कमी होने पर केले की अच्छी उपज नही मिल सकती है.

आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें, केले की सफल खेती के लिए कैसे करें फसल में पोटेशियम की पूर्ती...

ऐसे करें पोषक तत्वों की पूर्ती

केला की सफल खेती के लिए 300 ग्राम नाइट्रोजन, 50 ग्राम फास्फोरस और 300 ग्राम पोटाश को इसके हर एक पौधे को देना होता है, जिससे पोषक तत्वों की पूर्ती हो सकती है. नाइट्रोजन और पोटाश जैसे पोषक तत्वों को 2 महीने के अंतर पर या 3 महीने के अंतर पर, उत्तक संवर्धन की फसलों में 9वे महीने तक एवं प्रकंद द्वारा तैयार फसल में 11/12 महीने तक उर्वरकों के रूप में प्रयोग करते हैं. फास्फोरस की पूरी मात्रा को रोपाई से पूर्व या रोपाई के समय ही दे देना चाहिए.

ये भी पढ़ें: इस तकनीक से केले को तैयार करने पर होगा मोटा मुनाफा, बस करें यह काम!

फसल में पोटाश की कमी होने पर

पोटाशियम की कमी से वृद्धि में उल्लेखनीय कमी आती है, अंतराल बहुत कम होता है, पौधे का समय से पहले पीलापन होता है. पेटीओल्स (डंठल) के आधार पर बैंगनी भूरे रंग के पैच दिखाई देते हैं और गंभीर मामलों में प्रकंद (कॉर्म) का केंद्र भूरा, पानी से लथपथ विघटित कोशिका संरचनाओं का क्षेत्र जैसा दिखता है. फल खराब आकार के और विपणन के लिए अनुपयुक्त होते हैं.

विभाजन द्वितीयक शिराओं के समानांतर विकसित होते हैं और लैमिना नीचे की ओर मुड़ जाती है, जबकि मध्य शिरा झुक जाती है और टूट जाती है, जिससे पत्ती का बाहर का आधा भाग लटक जाता है.

सुधारात्मक उपाय

केला की सफल खेती के लिए खाद एवं उर्वरकों की उपयुक्त मात्रा का उपयोग करना चाहिए, इससे बेहतर पैदावार के साथ-साथ अच्छी गुणवक्ता वाली उपज प्राप्त होती है. यदि आप इसकी फसल में खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करते हैं, तो लक्षण गायब होने लगते हैं. इसके साप्ताहिक अंतराल पर आपको केले की फसल में KCl 2% का पर्ण छिड़काव करना चाहिए.

English Summary: symptoms and remedies potassium deficiency in banana crop will reduce producation Published on: 23 September 2024, 05:06 IST

Like this article?

Hey! I am डॉ एस के सिंह. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News