कटहल मध्यम ऊंचाई का एक सदाबहार पेड़ है जिसकी ऊंचाई आठ से पच्चीस मीटर तक होती है. कटहल को उसके फल के कारण आसानी से पहचान लिया जाता है. इसका फल उगाये जाने वाले फलो में सबसे बड़ा होता है. इसका फल मांसल खुसबूदार एवं स्वादिष्ट होता है.
कटहल के फल को ताजा भी खाया जाता है और संरक्षित भी करते हैं. कटहल का बीज पोषक होता है जिसे भून कर पांगर की तरह खाया जाता है. इसके बीज को आटे में मिलाकर बेकरी में उपयोग किया जाता है. कटहल की लकड़ी फर्नीचर बनाने में काम आती है. पत्तियों एवं फलों को जानवरों के चारे के रूप में भी उपयोग किया जाता हैं. इसके फल में बहुत औषधीय गुण होते है. लकड़ी के बुरादे एवं छिलके से डाई बनायी जाती हैं. कटहल के पेड़ों का उपयोग वायु रोधक के रूप में भी किया जाता है.
कटहल के उत्पत्ति स्थान के बारे मे कोई ठोस जानकारी नही है, पर यह माना जाता है कि कटहल की उत्पत्ति पश्चिमी घाट के वर्षा वनों में हुई है. इसकी खेती कम ऊंचाई वाले स्थानो पर सम्पूर्ण भारत, श्रीलंका एवं दक्षिणी चीन में की जाती हैं. कटहल बंग्लादेश का राष्ट्रीय फल है.
कटहल मुख्यः दो प्रकार के होते हैं, जिसमें मुलायम गूदा एवं कठोर गूदा वाली प्रजातियाॅं आती हैं. कठोर गूदे वाले फल आकार में बड़े होते हैं, जबकी मुलायम गूदे वाले फल छोटे एवं मीठे होते हैं. दक्षिण भारत में कटहल की खेती बहुत प्रचलित है. यहाँ कटहल का सालाना उत्पादन में आम एवं केले के बाद स्थान आता है. सरकार ने इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए कटहल के पेड़ो का रोपण सड़कों, रेल एवं जलीय मार्गो के किनारे कराया है.
कटहल का भोजन के रूप में प्रयोग (Use jackfruit as food)
प्रायः पश्चिम के लोग कटहल को तब अधिक पसन्द करते हैं जब उससे गन्ध चली जाती है. मुलायम एवं छोटे फलों से अचार बनाया जाता है. अचार में मसालों का उपयोग भी कर सकते है या इसे बिना मसालों के भी बनाया जाता हैं. इसके फलों को चीनी या शहद के शिरप में सिट्रिक अम्ल के साथ डिब्बाबंद भी किया जाता हैं.
डिब्बाबंद करने के लिए क्रिस्प प्रकार के कटहल अधिक उचित होते हैं. डिब्बाबंद कटहल, ताजे कटहल से अधिक आकर्षक होता है और इसे ”वैजिटेबल मीट“ की संज्ञा दी ताजी हैं.
कटहल के गूदे को यांत्रिक विधिओं से पृथक कर इससे कटहल नेक्टर बनाया जाता है. कटहल के बीज को दूध में उबाल कर उससे दूध को अलग कर लिया जाता है, अब इस दूध को ठन्डा कर स्वादिष्ट नारंगी रंग कस्टर्ड का बनाया जाता हैं. भारत मे कटहल के टुकड़ो को तेल मे तल कर आलू के चिप्स की तरह खाया जाता हैं.
कटहल के बीज को उबाल कर या भूनकर भी खाया जाता है. कटहल के बीज को शिरप के साथ संरक्षित भी करते है. कटहल की कोमल पत्तियो और फूलों का सब्जियो के रूप में भी उपयोग करते हैं.
कटहल का अन्य उपयोग (Jackfruit Other Uses)
फल का उपयोग
कुछ स्थानो पर कटहल का चारे के रूप मे उपयोग किया जाता हैं. फल एवं फल के छिलके को जानवरों को खिलाया जाता है.
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