रबी के मौसम में की जाने वाली मुख्य सब्ज़ियों की खेती जो आपको फायदे के साथ -साथ ज्यादा मात्रा में उत्पादन भी प्रदान करेगी जिससे आप ज्यादा से ज्यादा मुनाफा उठा पाएंगे. इन सब्जियों की खेती अक्टूबर माह में की जाती है और लोगों के द्वारा यह काफी पसंद की जाती है. इन फसलों की बुवाई के समय कम तापमान तथा पकते समय खुश्क और गर्म वातावरण की आवश्यकता होती है. रबी के फसलें ये सामान्यतः अक्तूबर-नवम्बर के महीनों में बोई जाती है.
आलू की बुवाई (Potato Sowing)
1. आलू की अगेती किस्में: कुफरी अशोका, कुफरी चन्द्रमुखी, कुफरी जवाहर की बुवाई 10 अक्टूबर तक तथा मध्य एवं पिछेती फसल: कुफरी बादशाह, कुफरी सतलज, कुफरी पुखराज, कुफरी लालिमा की बुवाई 15-25 अक्टूबर तक करें.
2. बुवाई के समय प्रति हेक्टेयर 80-100 किग्रा नाइट्रोजन, 60-80 किग्रा फास्फेट एवं 80-120 किग्रा पोटाश का प्रयोग करें.
3. एक हेक्टेयर आलू की बुवाई के लिए लगभग 20-25 कु. बीज की आवश्यकता होती है.
मटर की बुवाई (Peas Sowing)
1. सब्जी मटर की अगेती किस्मों के लिए प्रति हेक्टेयर 120-150 किग्रा तथा मध्यम व पिछेती किस्मों के लिए 80-100 किग्रा बीज का प्रयोग करें.
2. सब्जी मटर के लिए बुवाई के समय प्रति हेक्टेयर 30 किग्रा नाइट्रोजन, 60 किग्रा फास्फेट एवं 40 किग्रा पोटाश का प्रयोग करें.
लहसुन की बुवाई (Garlic Sowing)
1. लहसुन की बुवाई 500-700 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से, 15x7.5 सेमी की दूरी पर करें.
पालक/ मेथी/ धनिया/ गाजर /मूली की बुवाई (Spinach / Fenugreek / Coriander / Carrot / Radish Sowing)
1. जाड़े की अन्य सब्जियां, पालक, मेथी, धनिया, गाजर, मूली की बुवाई कतारों में करें.
2. प्रति हेक्टेयर बुवाई के लिये पालक व मेथी 25-30 किग्रा, गाजर 6-8 किग्रा, मूली 8-10 किग्रा तथा धनिया 15-30 किग्रा बीज की आवश्यकता होती है.
फूलगोभी/पत्तागोभी/गांठगोभी की बुवाई (Cauliflower / Cabbage / Cabbage Sowing)
1. पछेती फूलगोभी जैसे पूसा स्नोबाल-1, पूसा स्नोबाल-2, स्नोबाल-16 व पूसा स्नोबाल के-1 के बीज की बुवाई पौधशाला में कर दें. पूसा स्नोबाल-2 की रोपाई 15 अक्टूबर के बाद कर सकते हैं.
2. पत्तागोभी की मध्यावधि व पछेती किस्मों की नर्सरी में बुवाई पूरे अक्टूबर करते हैं तथा इनकी रोपाई भी मध्य अक्टूबर से प्रारम्भ की जा सकती है.
3. रोपाई के 25-30 दिन बाद प्रति हेक्टेयर मध्यवर्गीय फूलगोभी में 40 किग्रा नाइट्रोजन एवं पत्तागोभी में 50 किग्रा नाइट्रोजन की पहली टाप ड्रेसिंग कर दें.
4. गांठगोभी की रोपाई पूरे माह 30x20 सेमी के अन्तराल पर करें और रोपार्इ के समय प्रति हेक्टेयर 35 किग्रा नाइट्रोजन, 50 किग्रा फास्फेट एवं 50 किग्रा पोटाश का प्रयोग करें.
शिमला मिर्च की बुवाई (Capsicum sowing)
1. शिमला मिर्च में रोपाई के 20 दिन बाद प्रथम व 40 दिन बाद द्वितीय प्रति हेक्टेयर 25 किग्रा नाइट्रोजन (54 किग्रा यूरिया) की टाप ड्रेसिंग करनी चाहिए.
प्याज की बुवाई (onion sowing)
1. खरीफ प्याज की रोपाई के 45 दिन बाद, यदि खरपतवार हो तो निकालकर प्रति हेक्टेयर 35 किग्रा नाइट्रोजन (76 किग्रा यूरिया) की दूसरी व अंतिम टाप ड्रेसिंग कर दें.
टमाटर की बुवाई (Tomato Sowing)
1. टमाटर की रोपाई के समय उन्नतशील किस्मों के लिए प्रति हेक्टेयर 40 किग्रा नाइट्रोजन, 50 किग्रा फास्फेट, 60-80 किग्रा पोटाश एवं जिंक व बोरान की कमी होने पर 20-25 किग्रा जिंग सल्फेट व 8-12 किग्रा बोरैक्स का प्रयोग करें. संकर/असीमित बढ़वार वाली किस्मों के लिए प्रति हेक्टेयर 55-60 किग्रा नाइट्रोजन का प्रयोग करें.
2. टमाटर की सीमित बढ़वार वाली प्रजातियों की रोपाई 60x60 सेमी तथा असीमित बढ़वार वाली किस्मों की रोपाई 75-90x60 सेमी पर करें.
यह तो थी रबी के मौसम में की जाने वाली सब्ज़ियों की खेती जो आपको अवश्य ही मुनाफा करवाएगी. ऐसी ही ख़ास जानकारियों से आपको अवगत करवाते रहेंगे.
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