Top 5 Litchi Varieties: लीची खाना तो लगभग सभी को पंसद है, यह एक रसीला होने के साथ-साथ स्वादिष्ट फल भी है. इस फल की खेती मुख्य रुप से भारत, चीन, बांग्लादेश, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों में की जाती है. लेकिन देश में लीची का सबसे अधिक उत्पादन बिहार में किया जाता है. बिहार में उगाई जाने वाली शाही लीची, कस्बा लीची, चायना लीची, लोंगिया लीची, बेदाना लीची और पूर्वी लीची देश की कुछ प्रमुख किस्मों में शामिल है. शाही लीची को जीआई टेग भी दिया गया है और चायना लीची की एक पछेती उन्नत किस्मों में से एक है. वहीं बिहार की लोंगिया लीची अब धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रहा है. कस्बा लीची एक देर से पकने वाली किस्म है. इसके अलावा, लीची की बेदाना किस्म का फल अंडाकार या फिर दिल के आकार जैसा होता है. बिहार के अधिकतर किसान लीची की खेती पर निर्भर रहते हैं.
आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें, बिहार की 5 सबसे लोकप्रिय लीची की किस्मों के बारें में.
1. शाही लीची
बिहार की शाही लीची की देश की सबसे पॉपुलर लीची में से एक है, इसकी मुख्य रुप से खेती मुजफ्फरपुर में की जाती है. वैसे तो, देश के अन्य क्षेत्रों में भी इस नाम के साथ किसान खेती करते हैं, लेकिन मुजफ्फरपुर शाही लीची की अच्छी गुणवत्ता के लिए पहचाना जाता बै. इस लीची की गुणवत्ता को देखते हुए इसे GI टैग भी दिया गया है.
2. चायना लीची
लीची की चायना किस्म एक देर से पकने वली किस्म है, इसका रंग गहरा लाल होता है और फल का आकार भी मध्यम होता है. इस किस्म की लीची के फल में गूदा की अधिक मात्रा होती है और इसके प्रत्येक पेड़ से लगभग 80 से 90 किलोग्राम उपज प्राप्त होती है. इस लीची का खासियत है कि इसका फल पूरी तरह से पकने के बाद भी फटती नहीं है.
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3. कस्बा लीची
कस्बा लीची बिहार में उगाई जाने वाली एक मध्य-देर से पकने वाली किस्म है. इसके फल गहरे लाल रंग के होते हैं और अंडाकार या गोल होते हैं. यह किस्म टूटने-फटने और सूरज की जलन के प्रति प्रतिरोधी है.मुजफ्फरपुर की लोंगिया लीची की प्रजाति लुप्त हो गई है. 25-30 साल पहले तक शाही और चायना लीची के साथ लोंगिया भी बागानों में होती थी, लेकिन अब गायब हो गई है.
4. बेदाना लीची
लीची की इस किस्म का आकार अंडाकार या दिल के जैसे होता है, पकने के बाद इसका रंग हल्का हरा होने के साथ-साथ लाल होता है. बेदाना लीची का साइज मध्यम होता है, इसके एक फल का वजन लगभग 15 से 18 ग्राम के बीच होता है. बिहार की लोकप्रिय लीची की किस्मों में इस लीची को इसका मीठा स्वाद और रसदार शामिल करता है.
5. पूर्वी लीची
लीची की इस किस्म को बिहार के पूर्वी हिस्से में उगाया जाता है. पूर्वी लीची के फल का आकार मध्यम और बड़ा होता है. इस किस्म की लीची के पकने का समय मई का अंत या फिर जून का पहले सप्ताह माना जाता है. बिहार की इस पूर्वी लीची का रंग गुलाबी रहता है. किसान इसके एक पेड़ से लगभग 90 से 100 किलोग्राम उपज प्राप्त कर सकते हैं.
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