![Mango-Litchi Farming: आम और लीची के बागों की सही देखभाल से आएंगे अधिक फूल (Image Source: Freepik)](https://kjhindi.gumlet.io/media/90905/mango-litchi-farming-1.jpg)
Mango-Litchi Farming: आम एवं लीची बिहार और उत्तर प्रदेश में मंजर (फूल) आमतौर पर फरवरी के दूसरे सप्ताह से ही आना शुरू हो जाते हैं. यह फूल आने की प्रक्रिया आम और लीची की प्रजाति और उस समय के तापमान पर निर्भर करती है. इस साल जनवरी के अंत तक बिहार में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा, जिससे मंजर आने में थोड़ी देरी हो सकती है।
आम के लिए "ऑन ईयर" एवं"ऑफ ईयर" होता है, "ऑन ईयर" जिसका अर्थ है कि जिस साल आम में अच्छी उपज होने की संभावना होती है. जैसा कि हम जानते हैं, आम में एक वर्ष अधिक उपज होती है और अगले वर्ष कम, जिसे "ऑफ ईयर" कहा जाता है. आम और लीची उत्पादकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए जा रहे हैं ताकि वे अपने बागों की उचित देखभाल कर सकें.
कीट प्रबंधन
1. मिलीबग (गुजिया कीट) का प्रबंधन
- मिलीबग की समस्या बिहार में साल दर साल बढ़ रही है. इस कीट के प्रभावी नियंत्रण के लिए दिसंबर-जनवरी में निम्नलिखित उपाय किए जाने चाहिए थे:
- बाग के आसपास सफाई करके क्लोरपायरीफास 5 डी धूल @ 250 ग्राम प्रति पेड़ मिट्टी में बुरकाव करें.
- एल्काथीन की 45 सेमी चौड़ी पट्टी मुख्य तने के चारों ओर सुतली से बांधें, ताकि कीट पेड़ पर न चढ़ सके.
- यदि मिलीबग पहले ही पेड़ पर चढ़ चुका है, तो क्या करें?
- डायमेथोएट 30 ई.सी. या क्विनाल्फोस 25 ई.सी. @ 1.5 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें.
2. मधुमक्खियों और परागण का महत्व
- अगर मंजर आ चुके हैं और फूल खिल गए हैं, तो किसी भी प्रकार के कीटनाशक का छिड़काव न करें क्योंकि यह मधुमक्खियों और सिरफिड मक्खियों को नुकसान पहुंचा सकता है.
- मधुमक्खियाँ परागण में सहायक होती हैं और इनका संगीत बाग में सुना जा सकता है.
- लीची के बाग में 20-25 मधुमक्खी के बॉक्स प्रति हेक्टेयर रखने से बेहतर परागण होता है और उच्च गुणवत्ता का शहद भी प्राप्त होता है.
- आम के बाग में बॉक्स रखने से केवल परागण में वृद्धि होती है, लेकिन शहद उत्पादन के लिए यह उपयोगी नहीं है.
- मधुमक्खियों को आकर्षित करने के लिए कोई भी कीटनाशक का छिड़काव फूल खिलने के पहले या फल बनने के बाद ही करें.
रोग प्रबंधन
1. ब्लॉसम ब्लाइट (फूलों के काले पड़ने की समस्या)
यदि फूल काले पड़ने लगे हैं, तो हेक्साकोनाजोल @ 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
2. हापर (भुनगा) कीट प्रबंधन
- अगर पेड़ों में घना छायादार वातावरण है, तो हापर की संख्या अधिक हो सकती है.
- अगर प्रति बौर 10-12 भुनगा कीट दिखाई दें, तो इमिडाक्लोप्रिड 8 एस.एल. @ 1 मिली प्रति 2 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें.
- यह छिड़काव फूल खिलने से पहले या फल सेटिंग (Fruit Setting) समाप्त होने के बाद करें.
सामान्य देखभाल और पोषण प्रबंधन
1. सिंचाई का महत्व
- फूल खिलने के समय बिल्कुल भी सिंचाई न करें, अन्यथा फूल झड़ सकते हैं.
- जब फल मटर के दाने के आकार के हो जाएं, तब सिंचाई प्रारंभ करें.
- इसके बाद मिट्टी को कभी भी पूरी तरह सूखने न दें, अन्यथा टिकोलों (छोटे फलों) के झड़ने की संभावना बढ़ जाती है.
2. पाउडरी मिल्ड्यू (खर्रा रोग) का नियंत्रण
मंजर आने से पहले घुलनशील गंधक @ 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें.
अगर अब तक छिड़काव नहीं किया गया है, तो फल सेटिंग पूरी होने के बाद हेक्साकोनाजोल @ 1 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
जब तापमान 35°C से अधिक हो जाता है, तो इस रोग की तीव्रता अपने आप कम हो जाती है.
3. टिकोलों (छोटे फलों) को गिरने से बचाने के उपाय
प्लेनोफिक्स @ 1 मिली प्रति 3 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
फल बनने के बाद नियमित सिंचाई करें, ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे.
4. गुम्मा व्याधि से प्रभावित मंजर का प्रबंधन
गुम्मा व्याधि से प्रभावित मंजर को काटकर हटा देना चाहिए, ताकि यह अन्य स्वस्थ भागों को प्रभावित न करे.
किसानों के लिए संदेश
अगर आप इस जानकारी को अधिक से अधिक आम उत्पादकों तक पहुँचाएँगे, तो वे भी अपने बागों में सही समय पर उचित उपाय कर सकेंगे. इस लेख को जितना हो सके, शेयर करें ताकि आम और लीची की फसल को अधिकतम लाभ मिल सके.
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