ग्लेडियोलस को आकर्षक फूलों की श्रेणी में रखा जाता है. इस फूल को प्रमुख रूप से उपयोग कट फ्लॉवर्स, क्यारियों, बॉर्डर, बागों और गमलों की शोभा बढ़ाने के लिए किया जाता है. इस फूल की कई किस्में होती हैं. बता दें कि इस फूल की खेती गर्म जलवायु में भी आसानी से की जा सकती है. फूल की डंडी लगभग 50 से 100 सेंटीमीटर लंबी होती है, जिस पर 10 से 20 फूल आते हैं. यह फूल खिलने में 15-20 दिन का समय लेता हैं. किसान इसकी खेती से अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं, क्योंकि इन फूलों की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजार समेत कई बड़े होटलों में की जाती है.
भूमि की तैयारी
अगर किसान मई या जून में ग्लेडियोलस फूल की खेती करना चाहते हैं, तो सबसे पहले भूमि को काली पॉलीथिन से ढक कर कीटाणु और खरपतवार रहित कर लें. ध्यान दें कि एक एकड़ भूमि को तैयार करते वक्त लगभग 25 टन सड़ी गोबर की खाद डाल दें. कंद की रोपाई से 1 महीना पहले लगभग 100 किलोग्राम फॉस्फोरस और 100 किलोग्राम पोटाश प्रति हैक्टेयर की दर से मिला दें. इसके अलावा दीमक उपचार करना भी जरूरी है, इसलिए लगभग 25 किलोग्राम एंडोसल्फान चूर्ण को 4 प्रतिशत की दर से मिला दें.
उपयुक्त जलवायु
ग्लेडियोलस शीतोष्ण जलवायु वाला पौधा है, लेकिन इसकी कई किस्में हैं, जिनको गर्म जलवायु में भी उगाया जा सकता है. इसकी खेती के लिए लगभग 16 से 40 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान अच्छा माना जाता है.
उपयुक्त मिट्टी
इसकी खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है, ताकि उचित जल निकासी की व्यवस्था हो सके. बता दें कि इसकी खेती को भारी मिट्टी में नहीं कर सकते हैं. इससे पौधों का विकास सही से नहीं हो पाता है.
कंद की रोपाई
ग्लेडियोलस फूल की खेती में कंदों की रोपाई मुख्य रूप से सितंबर से अक्टूबर में होती है. अगर फूल की उपलब्धता अधिक समय तक बनाए रखना है, तो इसकी रोपाई अगस्त से नवंबर तक कर सकते हैं.
कंद रोपाई संबंधी जरूरी बातें
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कंदों को फ्यूजेरियम नाम की बीमारी से बचाने के लिए रोपाई से पहले2 प्रतिशत बाविस्टिन के घोल से उपचारित कर लें.
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कतारों की दूरी लगभग 30 सेंटीमीटर की होनी चाहिए.
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पौधों की दूरी लगभग 20 सेंटीमीटर रखनी चाहिए.
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कंदों को भूमि में लगभग5 से 6.5 सेंटीमीटर गहरा लगाना चाहिए.
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ध्यान दें कि एक गमले में एक कंद की ही रोपाई करें.
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1 हेक्टेयर में कुल एक से डेढ़ लाख कंद लगा सकते हैं.
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जब पौधों पर फूल की डंडी पूरी तरह से विकसित हो जाए और सबसे नीचे वाली कली के फूल का रंग दिखाई देने लगे. तब डंडी को सुबह या शाम चाकू से काट लेना चाहिए. ध्यान दे कि चाकू तेज धार वाला हो.
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इन सभी डंडी को पानी से भरी बाल्टी में डालते रहें. ये गुलदस्तों में लगाने के काम आती है. इनको लंबे समय तक रखने के लिए लगभग 20 प्रतिशत सुक्रोज और 20 पीपीएम हाइड्रोक्सी क्वीनोलीन सिट्रेट के घोल में 24 घंटे तक पड़ा रहने दें. इस तरह फूल की डंडी ताजा रहती हैं.
सिंचाई
ग्लेडियोलस फूल की खेती में सिंचाई लगभग 10 से 12 दिन के अंतराल पर करनी चाहिए. ध्यान दें कि जब कंद जमीन से निकाल रहे हों, तब उनमें 2 से 3 सप्ताह तक पानी रोक दें. इस तरह पौधों का विकास अच्छा होता है.
फूलों की कटाई
इसकी खेती में फूलों की कटाई किस्मों पर निर्भर होती है. बता दें कि अगेती किस्मों में लगभग 60-65 दिन, मध्य किस्मों में लगभग 80-85 दिन और पछेती किस्मों में लगभग 100-110 दिन बार फूल आने लगते हैं. इसी आधार पर कटाई की जाती है. इनको काटने का समय बाजार की दूरी पर भी निर्भर होता है.
उपज
ग्लेडियोलस फूलों की खेती अच्छी देखभाल के साथ किया जाए, तो इससे अच्छा मुनाफ़ा कमाया जा सकता है, किसानों के लिए इसकी खेती बहुत फायदेमंद साबित होती है.
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