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तापमान में असमानता के कारण आम के पेड़ों में मंजर बनने में देरी, किसानों के लिए जरूरी सलाह!

Mango farming: इस वर्ष तापमान में असमानता के कारण आम के पेड़ों में मंजर आने की प्रक्रिया में भिन्नता देखी जा रही है. किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे धैर्य रखें और जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें, क्योंकि तापमान में सुधार होते ही मंजर आना शुरू हो जाएगा.

डॉ एस के सिंह
डॉ एस के सिंह
Mango production delay
तापमान में असमानता के कारण आम के पेड़ों में मंजर बनने में देरी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Mango flowering: इस वर्ष आम के बागों में मंजर (फूलों का गुच्छा) आने की प्रक्रिया में असामान्यता देखी जा रही है. तापमान में हो रही असमानता, खासकर रात के तापमान में गिरावट, इसकी मुख्य वजह हो सकती है. यह बदलाव आम के पेड़ों पर सीधे असर डाल रहा है, जिससे किसानों में चिंता बढ़ गई है. आमतौर पर, मंजर आने के लिए आदर्श तापमान का संतुलन जरूरी होता है, लेकिन इस बार तापमान में हो रहे उतार-चढ़ाव ने इसे प्रभावित किया है. ऐसे में किसानों को इस स्थिति में बहुत सी सावधानियां बरतनी चाहिए.

तापमान और मंजर बनने का संबंध

वर्तमान में रात का तापमान सामान्य से 2.5 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया जा रहा है. कहने का तात्पर्य यह है कि जहां इस समय रात का तापमान लगभग 12 डिग्री सेल्सियस से अधिक होना चाहिए था, वह अब भी इससे कम या उसी के आस पास बना हुआ है. वहीं, दिन का तापमान भी सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक है और लगभग 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है.

तापमान में यह असमानता सीधे तौर पर आम के पेड़ों में मंजर बनने की प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है. आमतौर पर, मंजर आने के लिए रात का तापमान 12-15 डिग्री सेल्सियस और दिन का तापमान 25-30 डिग्री सेल्सियस के बीच होना अनुकूल माना जाता है.

युवा और पुराने पेड़ों में अंतर

अवलोकन में पाया गया कि जिन आम के पेड़ों की आयु 15 से 20 वर्ष से कम है, उनमें मंजर अच्छी तरह विकसित हो चुका है. इन पेड़ों में फूल बनने की प्रक्रिया अपेक्षाकृत संतोषजनक दिखी.

लेकिन जिन पेड़ों की आयु 15-20 वर्ष से अधिक है, उनमें अभी भी मंजर ठीक से नहीं आए हैं. इस कारण आम उत्पादक किसानों में बेचैनी साफ देखी जा सकती है. वे आशंकित हैं कि कहीं इस साल उनकी फसल को नुकसान न हो जाए.

वैज्ञानिक मान्यता

अनुसंधान के आधार पर आम उत्पादक किसानों को अभी धैर्य बनाए रखना चाहिए और जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेंना चाहिए. जब तापमान 12 डिग्री सेल्सियस से ऊपर और 15 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच जाएगा, तो निश्चित रूप से उन बड़े पेड़ों में भी मंजर आना शुरू हो जाएगा.

  • तापमान में यह बदलाव आगामी कुछ सप्ताहों में देखने को मिल सकता है.
  • इसलिए, किसानों को धैर्य रखना चाहिए और मौसम के बदलाव का इंतजार करना चाहिए.
  • इस दौरान पेड़ों की उचित देखभाल आवश्यक होगा. कहने का तात्पर्य यह है इस समय खाद एवं उर्वरकों के प्रयोग एवं सिंचाई करने से बचना चाहिए अन्यथा नुकसान हो जाएगा.

किसानों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

  • तापमान पर नज़र रखें – स्थानीय मौसम विभाग या डिजिटल मौसम पूर्वानुमान उपकरणों का उपयोग करें.
  • इस समय सिंचाई करने से बचे
  • जब तक मंजर में फल ठीक से न लग जाए तब तक पोषक तत्वों का प्रयोग न करें नाइट्रोजन की अधिक मात्रा से बचें.

तापमान में असमानता के कारण मंजर में देरी

इस वर्ष तापमान में असमानता के कारण आम के पेड़ों में मंजर बनने की प्रक्रिया में भिन्नता देखने को मिल रही है. युवा पेड़ों में मंजर अच्छी तरह से आ चुके हैं, लेकिन पुराने पेड़ों में तापमान के थोड़ा और बढ़ने के बाद ही मंजर आने की संभावना है. इसलिए, किसानों को धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करनी चाहिए और जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए. आगामी कुछ सप्ताहों में जैसे-जैसे रात का तापमान 12-15 डिग्री सेल्सियस के बीच स्थिर होगा, वैसे ही पुराने पेड़ों में भी मंजर विकसित होंगे, जिससे आम की अच्छी उपज होने की संभावना बनी रहेगी.

English Summary: Delay flowering mango trees due to temperature imbalance farmers advisory Published on: 06 March 2025, 09:23 IST

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