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Flower farming: कम लागत में ज्यादा मुनाफे के लिए करें इस फूल की खेती, जानें जलवायु, मिट्टी और उन्नत किस्में!

Chrysanthemum cultivation: गुलदाउदी की खेती किसानों और उद्यान प्रेमियों के लिए एक फायदेमंद व्यवसाय हो सकता है. सही तकनीक, उन्नत किस्मों और उचित देखभाल से किसान इस फसल से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. यदि आप भी फूलों की खेती करना चाहते हैं, तो गुलदाउदी एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है.

मोहित नागर
मोहित नागर
Chrysanthemum profitability
कम लागत में ज्यादा मुनाफे के लिए करें इस फूल की खेती (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Benefits of Chrysanthemum Farming: गुलदाउदी (Chrysanthemum) भारत में एक लोकप्रिय फूलों की फसल है, जिसकी मांग सालभर बनी रहती है. यह फूल अपनी खूबसूरती और सुगंध के कारण गार्डनिंग, सजावट, माला, गुलदस्ते और धार्मिक कार्यों में उपयोग किया जाता है. किसानों के लिए यह एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है, क्योंकि इसकी खेती कम लागत में भी अच्छी आमदनी देती है. गुलदाउदी विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में उगाई जा सकती है और सही तकनीक अपनाने से इसकी उपज में वृद्धि की जा सकती है. यदि आप भी फूलों की खेती से मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो गुलदाउदी एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. आइये इस आर्टिकल में जानें, गुलदाउदी की खेती से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी!

गुलदाउदी की खेती के लिए अनुकूल जलवायु और मिट्टी

  • गुलदाउदी की खेती के लिए मध्यम ठंडी जलवायु सबसे उपयुक्त होती है.
  • 20-25 डिग्री सेल्सियस का तापमान इसकी अच्छी वृद्धि के लिए जरूरी है.
  • इसे दोमट और बलुई दोमट मिट्टी में उगाना सबसे अच्छा होता है.
  • मिट्टी का pH स्तर 0 से 7.5 के बीच होना चाहिए.
  • खेत में अच्छी जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए, क्योंकि जलभराव से जड़ों को नुकसान हो सकता है.

गुलदाउदी की उन्नत किस्में

  • सजावटी किस्में: स्नो बॉल, रेड किंग, व्हाइट क्वीन, यलो प्राइड
  • माला व सजावट के लिए: कोयंबटूर येलो, व्हाइट सॉव
  • हाइब्रिड किस्में: पूसा केसर, पूसा अरुणिमा, पूसा चंद्रिका

गुलदाउदी की नर्सरी तैयारी और रोपण

  • बीज और कटिंग दोनों तरीकों से इसकी खेती की जा सकती है.
  • बीजों की नर्सरी जून-जुलाई में तैयार करें और अगस्त-सितंबर में पौधों को खेत में रोपें.
  • गुलदाउदी की कटिंग से खेती अधिक फायदेमंद होती है, क्योंकि इससे पौधे तेजी से बढ़ते हैं.
  • पौधों की लाइन से लाइन की दूरी 30-40 सेमी और पौधों के बीच 20-25 सेमी होनी चाहिए.

सिंचाई और खाद प्रबंधन

  • गुलदाउदी की फसल को अधिक पानी की जरूरत नहीं होती.
  • खेत में नमी बनाए रखने के लिए 7-10 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें.
  • खाद के लिए गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का संतुलित उपयोग करें.
  • फूल बनने के समय पोटाश और फॉस्फोरस की मात्रा बढ़ाने से उत्पादन अधिक होता है.

रोग एवं कीट नियंत्रण

  • रोग: जड़ सड़न, पाउडरी मिल्ड्यू, लीफ स्पॉट
  • रोकथाम के लिए कार्बेन्डाजिम या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करें.
  • कीट: एफिड्स, थ्रिप्स और मिलीबग
  • जैविक कीटनाशकों और नीम तेल के छिड़काव से कीटों को नियंत्रित किया जा सकता है.

फूल तुड़ाई और उपज

  • गुलदाउदी के पौधे रोपाई के 90-120 दिन बाद फूल देना शुरू कर देते हैं.
  • जब फूल पूरी तरह विकसित हो जाएँ, तो उन्हें सुबह या शाम के समय तोड़ना चाहिए.
  • प्रति हेक्टेयर 12-15 टन फूलों का उत्पादन संभव है, जो बाजार में अच्छा लाभ दिला सकता है.

गुलदाउदी की खेती के फायदे

  • कम लागत, अधिक मुनाफा: गुलदाउदी की खेती में अधिक लागत नहीं लगती और बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिलती है.
  • बाजार में उच्च मांग: त्योहारों, शादियों और धार्मिक आयोजनों में इसकी माँग सालभर बनी रहती है.
  • जलवायु सहिष्णुता: इसे विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में उगाया जा सकता है.
  • रोजगार के अवसर: फूलों की खेती से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ते हैं.

 

English Summary: Chrysanthemum cultivation guide benefits planting care pest control Published on: 29 January 2025, 12:13 IST

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