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इन 4 यंत्रों की मदद से जान सकते हैं पशुओं के मदकाल की स्थिति

पशुपालक कई दुधारू पशुओं जैसे गाय या भैंस का पालन करते हैं, लेकिन उन्हें गाभिन करने का सही समय पता नहीं कर पाते हैं. इससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है. अगर दुधारू पशु सही समय पर गर्भधारण न कर पाए, तो पशुपालक को दुग्ध उत्पादन में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. माना जाता है कि दुधारू पशु के 2 से 3 बार मदकाल निकल जाने पर बांझपन भी आ जाता है.

कंचन मौर्य
कंचन मौर्य
Animals
Agriculture Equipments

पशुपालक कई दुधारू पशुओं जैसे गाय या भैंस का पालन करते हैं, लेकिन उन्हें गाभिन करने का सही समय पता नहीं कर पाते हैं. इससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है. अगर दुधारू पशु सही समय पर गर्भधारण न कर पाए, तो पशुपालक को दुग्ध उत्पादन में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. माना जाता है कि दुधारू पशु के 2 से 3 बार मदकाल निकल जाने पर बांझपन भी आ जाता है.

पशुपालकों को बता दें कि हर पशु का एक मदचक्र होता है, उसी तरह गाय और भैंसों में मदचक्र लगभग 21 दिन का होता है. यह पूरा होने के बाद ही मदकाल आता है. यह 2 से 3 दिन तक चलता है. इस दौरान गाय और भैंसों के शरीर में बनने वाले स्लेश्मा यानी म्यूकस से ही उनके गर्भधारण की संभावना घटती और बढ़ती रहती है. ऐसे में पशुपालकों को 4 यंत्रों की जानकारी देने वाले हैं, जिनके द्वारा पशुओं के मदकाल की स्थिति का पता लगा सकते हैं.

पेडोमीटर (Pedometer)

इस यंत्र द्वारा गर्म पशु की शारीरिक क्रियाशीलता कई गुनाबढ़ जाती है. अगर इस यंत्र को पशु के पिछले पैरों में लगा दिया जाए, तो इससे वृद्धि पता लगाई जाती है. इससे गर्म पशु की पहचान आसानी से हो जाती है.

चिन बॉल मार्कर (Chin ball marker)

इस यंत्र को टीजर पशु के निचले जबड़े पर लगाया जाता है. जब टीजर पशु किसी गर्म पशु पर दबाव डालता है, तो बॉल में भरा द्रव निकलकर पशु की पीठ पर फैलता है. इस तरह पशु की दूर से ही पहचान हो जाती है.

क्लोज सर्किट टेलीविजन (Closed circuit television)

कई बड़ी पशुशालाओं में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए यह तकनीक काफी विश्वसनीय है. इस यंत्र से गर्म पशु की पहचान की जाती है. इसमें पशुओं के लक्षणों के प्रदर्शन को एक वीडियो कैमरे में रिकॉर्ड किया जाता है. इसको देखकर पशु के गर्म होने की पहचान की जाती है.

ये खबर भी पढ़े: गाभिन भैंस की ऐसे करें देखभाल, पशुपालक को कभी नहीं होगा घाटा

हीट माउंट डिटेक्टर (Heat Mount Detector)

इसको पशु की पीठ या पूंछ के पास लगा दिया जाता है. जब पशु गर्मी में आता है और साथी पशु पर दबाव पड़ता है, तो उसमें भरा रंग निकलकर गर्म पशु की पीठ पर फैल जाता है. इस तरह दूर से ही ऐसे पशु की पहचान हो जाती है, लेकिन इस तकनीक से कभी-कभी गलत जानकारी भी मिल सकती है, क्योंकि किसी अन्य कारणों से भी रंग फ़ैल सकता है.

आपको बता दें कि अगर कोई पशुपालक इन सभी यंत्रों में से किसी भी यंत्र को खरीदना चाहते हैं, तो वह राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल, हरियाणा से संपर्क कर सकते हैं. ये सभी तकनीक काफी हद तक विश्वसनीय मानी जाती हैं.

English Summary: With the help of these 4 instruments, you can know the condition of animals' time Published on: 19 August 2020, 03:23 IST

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