1. Home
  2. पशुपालन

संकर नस्ल की बकरियों से लाभ और उचित आहार प्रबंधन

भारत में बकरी पालन बड़े स्तर पर किया जाता है, लेकिन इसके पालन में नई और वैज्ञानिक विधियां न अपनाये जाने के कारण कई बार आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में यदि बकरी पालन का व्यवसाय करना चाहते हैं, तो पहले इसके वैज्ञानिक तरीकों को समझना बेहद आवश्यक है. बता दें कि आजकल कई शिक्षित युवा और प्रगतिशील किसान बकरी पालन का व्यवसाय करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. तो आइये जानते हैं बकरी पालन की वैज्ञानिक विधियां.

श्याम दांगी
श्याम दांगी
Goat Rearing
Goat Rearing

भारत में बकरी पालन बड़े स्तर पर किया जाता है, लेकिन इसके पालन में नई और वैज्ञानिक विधियां न अपनाये जाने के कारण कई बार आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में यदि बकरी पालन का व्यवसाय करना चाहते हैं, तो पहले इसके वैज्ञानिक तरीकों को समझना बेहद आवश्यक है. बता दें कि आजकल कई शिक्षित युवा और प्रगतिशील किसान बकरी पालन का व्यवसाय करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. तो आइये जानते हैं बकरी पालन की वैज्ञानिक विधियां.

पारंपरिक तरीके में नुकसान

देश के विभिन्न हिस्सों में लोग पारंपरिक तरीके से बकरी पालन करते हैं जिसके कारण पर्याप्त आमदानी नहीं ले पाते हैं. जिससे लागत और समय लगता है लेकिन कई बार बकरियों मौत अधिक होने लगती है जिस वजह से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. वहीं अधिकतर बकरी पालक अच्छी नस्लों की बकरियों का पालन भी नहीं करते हैं जिस वजह से वे इसे मुनाफे का धंधा नहीं बना पाते हैं. 

संकर नस्ल की बकरियों से लाभ

भारत में बकरे के मांस की जबरदस्त मांग रहती है. इस वजह से संकर नस्ल की बकरियों का पालन अच्छा मुनाफा दे सकता है.  संकर नस्ल के बकरे-बकरियों को विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ कम लगती है वहीं इसका मांस बेहद स्वादिष्ट होने के कारण अच्छी खासी मांग रहती है.  इसके अलावा संकर नस्ल के बकरे-बकरियों की ग्रोथ तेजी से होती है. यह महज 6 महीने में ही 25 किलोग्राम की हो जाती है. ब्लैक बंगाल और सिरोही उन्नत नस्ल की बकरियां है जो अच्छा मुनाफा दिला सकती है.  

उचित आहार प्रबंधन

देश के विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों में आधुनिक बकरी पालन का प्रशिक्षण दिया जाता है. इस दौरान आहार प्रबंधन, टीकाकरण समेत अनेक विषयों पर प्रशिक्षित किया जाता है. वहीं बकरियों को दिए जाने वाले फीड में कितनी मात्रा में विटामिन तथा खनिज तत्व होना चाहिए इसकी ट्रेनिंग दी जाती है. वैज्ञानिक तरीके से बकरी पालन के लिए समय-समय पर टीकाकरण, कृमिहीन किया जाना और मृत्युदर को कम करने के लिए समय-समय पर जांच कराना बेहद जरुरी है. वैज्ञानिक प्रशिक्षण लेने के बाद बकरी पालन से अच्छा मुनाफा लिया जा सकता है जबकि लागत कम हो जाती है. 

English Summary: What are the scientific methods of increasing income from goat rearing? Let's know Published on: 15 February 2021, 04:27 IST

Like this article?

Hey! I am श्याम दांगी. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News