देश में खेती के साथ-साथ अब पशुपालन और मुर्गी पालन किसानों के लिए आय बढ़ाने का मजबूत जरिया बनता जा रहा है. साथ ही बदलते समय में किसान पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर ऐसे बिजनेस मॉडल अपना रहे हैं, जिनमें कम जोखिम और लगातार कमाई की संभावना होती है. इन्हीं में से एक है मुर्गी पालन Poultry Farming जो आज गांव से लेकर शहर तक तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.
मुर्गी की टॉप 3 नस्लें
मुर्गी पालन में सबसे अहम भूमिका सही नस्ल के चयन की होती है. विशेषज्ञों के अनुसार अगर नस्ल का चुनाव सही किया जाए, तो मुनाफा कई गुना बढ़ सकता है-
1. कड़कनाथ मुर्गी
कड़कनाथ मुर्गी अपने काले रंग के मांस के लिए जानी जाती है, जिसे औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. इसका मीट कोलेस्ट्रॉल में कम और प्रोटीन व आयरन में अधिक होता है, इसलिए बाजार में इसकी मांग बहुत ज्यादा रहती है और यह सामान्य मुर्गियों की तुलना में कई गुना महंगे दाम पर बिकती है.
2. वनराजा नस्ल
वनराजा नस्ल तेजी से बढ़ने वाली मुर्गियों में शामिल है, यह नस्ल कम समय में अच्छा वजन पकड़ लेती है, जिससे मांस उत्पादन ज्यादा होता है. इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी होती है, जिससे किसानों को नुकसान का जोखिम कम रहता है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में यह नस्ल खास तौर पर पसंद की जाती है.
3. ग्रामप्रिया मुर्गी
ग्रामप्रिया नस्ल मुख्य रूप से अंडा उत्पादन के लिए जानी जाती है. यह कम समय में अंडे देना शुरू कर देती है और सालभर में बड़ी संख्या में अंडे देती है. कम खर्च और बेहतर उत्पादन के कारण ग्रामप्रिया नस्ल किसानों के लिए नियमित और स्थिर आय का मजबूत साधन बनती जा रही है.
50 प्रतिशत तक सब्सिडी का मिलेगा लाभ
किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से केंद्र और राज्य सरकारें मुर्गी पालन को बढ़ावा दे रही हैं. नेशनल लाइवस्टॉक मिशन (NLM) के तहत पोल्ट्री फार्म खोलने पर सरकार 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देती है. यह सब्सिडी शेड निर्माण, मशीनरी, उपकरण और चूजों की खरीद पर उपलब्ध कराई जाती है.
वहीं, मुर्गी पालन शुरू करने के लिए नाबार्ड (NABARD) और कई सरकारी-निजी बैंक किसानों को पोल्ट्री फार्मिंग के लिए कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने की भी सहायता करते हैं.
कितना आता है खर्च और कितनी होती है कमाई
अगर कोई किसान शुरुआत में 10–15 मुर्गियां पालता है, तो लगभग 50,000 रुपये का खर्च आता है. सही देखभाल और बाजार की मांग के अनुसार बिक्री करने पर किसान अपनी लागत का दोगुना तक मुनाफा कमा सकता है. बड़े स्तर पर यह बिजनेस लाखों रुपये की सालाना आमदनी का जरिया बन सकता है.
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