भारत के कई राज्यों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है और पारा 50 डिग्री के पार जा चुका है. तेज गर्मी और चिलचिलाती धूप से इसानों के साथ पशु और पक्षी भी परेशान है. गर्म हवाओं के चलते मवेशियों के लू लगने और हीट स्ट्रैस का खतरा बना रहता है. ऐसे में पशुपालक को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. एक तरफ पशुओं का दूध उत्पादन कम हो जाता है और दूसरी ओर पशु के बीमार होने पर इलाज करवाने में अधिक खर्च आता है. एक्सपर्ट्स की मानें, तो गर्मी के मौसम में पानी की कमी के चलते पशुओं में कई तरह की बीमारियां उन्हें घेर लेती है. पानी की कमी से पशु को डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रैस जैसी परेशानी हो सकती है.
यदि पशुपालक गर्मी के इस मौसम में अपने पशु को साफ और ताजा पानी नहीं पिलाते हैं, तो इससे पशुओं को कई तरह की परेशानियां होने लगती है और पशुपालक को काफी नुकसान उठाने पड़ सकते हैं. अगर सही तरीके से पशु का ख्याल रखा जाएं, तो उसे बीमार होने और दुध का उत्पादन कम होने से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है.
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गर्मियों में पशुओं के लिए 10 जरूरी टिप्स
- आपको गर्मी के मौसम में अपने पशु को बार-बार पानी पिलाते रहना है.
- अपने पशु को ताजा और ठंडा पानी पिलाने की कोशिश करें.
- दिन में पशु के शरीर पर 3 से 4 बार पानी क छिड़काव करें.
- आपको अपने पशु को सूखी तूड़ी और हरा चारा खिलाना चाहिए.
- पशु को ताजा तूड़ी खिलाने से पहले आपको शाम के वक्त उसे भिगोकर रखना है और सबूह खिलाना है.
- आपको अपने पशु के सामने नमक की ढेली को हमेशा रखना चाहिए, जिससे इसे चाटने पर उसे प्यास लगती रहे.
- तेज गर्मी के मौसम में अपने पशु को सुबह और शाम के वक्त जरूर नहलाएं.
- पशुओं के बांधने के स्थान पर पानी का छिड़काव समय-समय पर करते रहें.
- अपने पशु को छायादार जगह पर ही बांधना चाहिए.
- पशु में पानी की कमी दिखने पर उसे नमक-चीनी का घोल पिलाएं.
पशु में पानी की कमी के लक्षण
पशुओं में जब पानी की कमी होने लगती है, तो इससे उन्हें भूख लगनी कम हो जाती है. पानी की कमी से वह सुस्ती और कमजोर होने लगते हैं. अधिकतर पशुओं में पानी की कमी होने से उनका पेशाव गाढ़ा, वजन कम, चमड़ी सूखी-खुरदरी और आंखें सूखने लग जाती है. वहीं अधिकतर पशुओं में पानी की कमी होने से दूध उत्पादन कम हो जाता है.
कम पानी पिलाने के नुकसान
पशुओं के शरीर में पानी की कमी होने से उनका चारा खाने और उसे पचाने की क्षमता काफी कम होने लगती है. ऐसा होने पर शरीर के जरूरी तत्व मल और मूत्र के जरिए बाहर निकलने लग जाते हैं. पानी की कमी से दूध उत्पादन और प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ता है. इसके अलावा, खून गाढ़ा हो जाना भी पानी की कमी से होने लगते हैं. बछड़े और बछड़ियां में पानी की कमी होने से उनमें पेचिस लगने लग जाती है और बड़े पशुओं को दस्त की समस्या हो जाती है.
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