Toda Buffalo: ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के साथ-साथ पशुपालन का भी काफी चलन है. अपनी आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कई किसान खेती के अलावा पशुपालन का भी सहारा लेते हैं. खासकर डेयरी फार्मिंग के जरिए कई किसान मौजूदा वक्त में अच्छी कमाई कर रहे हैं.डेयरी फार्मिंग में भैंस पालन काफी मशहूर है. देश में बड़े स्तर पर भैंस पालन किया जाता है, ताकि उनका दूध बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सके. ऐसे में अगर आप भी एक पशुपालक हैं और कम समय में अपनी आमदनी बढ़ाना चाहते हैं तो भैंस पालन के जरिए अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इस खबर में हम आपको भैंस की एक ऐसी नस्ल के बारे में बताएंगे जिसके जरिए आप कम समय में अच्छा मुनाफ कमा पाएंगे. हम बात कर रहे हैं भैंस की टोडा नस्ल की.
एक ब्यांत में देती है इतना दूध
टोडा नस्ल की उत्पत्ति तमिलनाडु राज्य के नीलगिरी क्षेत्र से हुए हैं. नीलगिरी के जंगलों में भैंस की यह नस्ल काफी देखी जाती है. भैंस की इस नस्ल का नाम टोडा जनजाति के नाम पर पड़ा है, जो मुख्य तौर पर इनका पालन करती है. टोडा को अपनी दूध उत्पादन क्षमता के लिए भी जाना जाता है. जिस वजह से यह दक्षिण भारत के साथ-साथ उत्तर भारत में भी काफी लोकप्रिय है. अगर इसका रखरखाव सही ढंग से किया जाए तो भैंस की ये नस्ल एक ब्यांत में करीब 500 लीटर तक दूध दे सकती है. यह भैंस की एक महत्वपूर्ण नस्ल है, जो अधिक वर्षा और अधिक नमी वाले क्षेत्र में अच्छी तरह पनपती है. ऐसे में अगर आप भी इस भैंस को कमाई का एक साधन बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले इसकी पहचान, कीमत और खासियतें जान लें.
टोडा भैंस की विशेषताएं (Characteristics of Toda Buffalo)
-
इस नस्ल की भैंसों का माथा चौड़ा, सिर भारी और बड़ा होता है.
-
इनके सींग लंबे होते हैं. वे आम तौर पर अलग-अलग फैले होते हैं, जो बाहर की ओर थोड़ा नीचे और ऊपर की ओर उभरे हुए होते हैं.
-
टोडा भैंस की टांगे और अन्य अंग काफी मजबूत होते हैं. इसकी पूंछ भी छोटी होती है.
-
इस भैंस का वजन करीब 380 से 400 किलो के बीच होता है.
-
इनके पूरे शरीर पर घने बाल होते हैं. खासकर गर्दन के ऊपरी भाग पर बाल सबसे ज्यादा घने होते हैं.
-
भैंस की ये नस्ल एक ब्यांत में करीब 500 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है.
-
जन्म के समय भैंस की इस नस्ल के बछड़ों का रंग यूं तो भूरा होता है. लेकिन, जन्म के 2 महीनों बाद रंग बदलकर राख जैसा भूरा हो जाता है.
दूध की अच्छी क्वालिटी के लिए दें ये खुराक
इस नस्ल की भैंसों को खुराक जरूरत के अनुसार देनी चाहिए. इन्हें फलीदार चारे के साथ तूड़ी या अन्य चारे का मिश्रण पसंद है. इसके अलावा चारे में ऐसे भोजन को शामिल करें जिसमें उर्जा, प्रोटीन, कैलशियम, फासफोरस और विटामिन ए की मात्रा हो. अच्छी क्वालिटी के दूध उत्पादन के लिये टोडा भैंस को मक्का, गेहूं और बाजरा का दाना देना फायदेमंद रहता है. भैंस की अच्छी सेहत के लिए मूंगफली, तिल, सोयाबीन, अलसी, सरसों और सूरजमुखी के तेल के बीजों की खली खिलाई जाती है. वहीं, भैंस में तंदुरुस्ती बनाए रखने के लिए गेहूं की चोकर, चावलों की पॉलिश और बिना तेल के चावलों की पॉलिश खिलाने की सलाह भी दी जाती है.
Share your comments